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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी। उन पर ऑपरेशन सिंदूर पर एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के लिए दो पुलिस मामले दर्ज हैं। सुनवाई के दौरान, हरियाणा पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि उसने महमूदाबाद के खिलाफ दर्ज एक मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
आपरेशन सिंदूर के दौरान हुए थे अरेस्ट
महमूदाबाद को मई में ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सरकार द्वारा चुने जाने पर एक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था। कुछ दिनों बाद, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी। शर्त ये थी कि वह इस मामले से संबंधित कोई लेख या ऑनलाइन पोस्ट नहीं लिखेंगे या कोई भाषण नहीं देंगे। वह पहलगाम हमले या ऑपरेशन सिंदूर पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, और अपना पासपोर्ट जमा करेंगे।
अली के खिलाफ दो अलग-अलग केस दर्ज
अली के खिलाफ दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं। एक केस भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य योगेश जठेड़ी ने राई थाने में ने दर्ज कराया जबकि दूसरा राज्य महिला आयोग ने दर्ज कराया था।
योगेश ने मुताबिक आठ मई को अशोका विवि में अली खान ने उनके सामने ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणियां कीं। उन्होंने महिला सैन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कई बातें कहीं। राज्य महिला आयोग ने अली की सोशल मीडिया पर टिप्पणियों का संज्ञान लेते हुए उन्हें 14 मई को समन भेजा था। जब वह पेश नहीं हुए, तो आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने 15 मई को विवि जाकर बात करने की कोशिश की, लेकिन अली खान नहीं मिले। रेनू भाटिया ने 16 मई को डीजीपी को पत्र लिखकर FIR दर्ज करने की मांग की। उसके बाद पुलिस ने हरकत में आते हुए अली खान को धर दबोचा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उनको राहत मिली।
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