लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
मुसलमानों का पाक और मुकद्दस महीना रमज़ान पूरी दुनिया में जारी है। इस पूरे महीने मुसलमान रोज़ा रखकर अल्लाह की खूब इबादत करते है। रोज़े में हर शख्स को सिर्फ भूखा और प्यासा ही नहीं बल्कि कई तरह के बुरे कामों से दूरी भी इख्तियार करनी होती है। ऐसे में रमज़ान और इस्लामिक मामलों से जुड़े लोगों के सवालों को दूर करने के लिए रमज़ान हेल्पलाइन पर उलमा जवाब दें रहे है।
साल 2001 में शुरू हुई रमज़ान हेल्पलाइन
इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के तहत् दारूल निजामिया फरंगी महल में रोजेदारों की दीनी और शरअई रहनुमाई के लिए वर्ष 2001 में रमजान हेल्पलाइन आरम्भ किया गया था जिसकी लोकप्रियता खुदा पाक के करम से आज भी बरकरार है। इस हेल्प लाइन से लोग फोन और e-mail के जरिए रोजा, नमाज, जकात ऐतिकाफ और दूसरे सवालात मुल्क और बाहर के मुल्कों से भी करते है। इन सवालात के जवाब मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलमा का एक पैनल देता है।
इन नंबरों पर करना होगा संपर्क
रमज़ान हेल्पलाइन पर संपर्क करने के लिए लोग इन नम्बरों 9415023970, 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 और e-mail: [email protected] और वेब साइट, www.farangimahal.in पर सवाल पूछ सकते है। महिलाओं से सम्बन्धित मसलों को मालूम करने के लिए सिर्फ महिलायें ही इस नम्बर पर 9415757455 फोन कर सकती है।
जानिए कुछ सवालों के जवाब
सवाल: आप्रेशन होने की सूरत में या किसी और वजह से अगर किसी को यूरीन बैग लगा हुआ हो तो वह शख्स नमाज कैसे अदा करे?
जवाब : मरीज़ के लिए यूरीन बैग (पेशाब की थैली) के साथ नमाज़ पढ़ना पीड़ित होने की वजह से सही है।
सवाल : किया मस्जिद में दीनी मकसद से चन्दे का ऐलान करना सही है?
जवाब: जी हाँ! सही है।
सवाल : क्या रोज़े की हालत में दिल या पेट का आप्रेशन करवा सकते हैं?
जवाब: जी हाँ ! करवा सकते हैं।
सवाल : दाँतों में लगे हुए सोने चाँदी के तार या वह मसाला जो दाँतों के खोल में भर दिया जाता है, क्या उस पर भी जकात है?
जवाब: उस पर जकात वाजिब नही।
सवाल: नाबालिग बच्चा अगर रोजा रख कर तोड़ दे या उसके माता पिता रोज़ा खुलवा दें तो क्या इस रोजे की कज़ा जरूरी है?
जवाब : नाबालिग बच्चे के रोजे तोड़ने पर कज़ा वाजिब नही।