Advertisment

Chaitra Navratri:  हर नवरात्रि बदल जाता है माता दुर्गा का वाहन, जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य व कारण?

यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। जो मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह नारी शक्ति और नई शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार आध्यात्मिक जागृति का भी प्रतीक है।

author-image
Mukesh Pandit
ma durga vahan

माता दुर्गा के वाहन का प्रतीक>

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है  यह त्योहार वसंत ऋतु में आता है और इसलिए इसे वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। चैत्र नवरात्रि के दौरान, भक्त नौ दिनों तक उपवास रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नौ दिनों में माँ दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। यह त्योहार माँ दुर्गा के प्रति हमारी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। माता इस वर्ष हाथी, घोड़ा या नाव पर सवार होकर आने वाली हैं। अब ऐसे में मन में सवाल आता है कि माता का वाहन कैसे तय होता है कि वह किससे आएंगी। 

Advertisment

प्रत्येक वर्ष बदलता है माता दुर्गा का वाहन

इस दौरान श्रद्धालु नौ दिन माता के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उपवास रखते हैं। इस साल यह पर्व 30 मार्च और 6 अप्रैल को खत्म होगा। माता इस वर्ष हाथी, घोड़ा या नाव पर सवार होकर आने वाली हैं। यह सुनने में जितना अद्भुत लगता है और उतना रहस्यमयी भी है। नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा का वाहन प्रत्येक वर्ष बदलता रहता है। कभी वो एक घोड़ा पर सवार होती हैं, तो कभी नाव पर। इस वर्ष माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आने वाली है।  

माता दुर्गा के वाहन का प्रतीक

Advertisment

माता दुर्गा का वाहन हाथी मां की सामर्थ्य और विशालता का प्रतीक है, वहीं नाव जीवन के उतार-चढ़ाव और संकटों के बीच एक स्थिरता और साहस की भावना को व्यक्त करती है। यह बदलाव इस बात का प्रतीक है कि दुर्गा की पूजा न केवल शारीरिक शक्ति के लिए है, बल्कि मानसिक और आंतरिक साहस प्राप्त करने के लिए भी है। हर दिन के साथ माता के वाहन के रूप में यह बदलाव हमें यह समझने का अवसर देता है कि जीवन में परिवर्तन निरंतर है और हमें उसे स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

इस वर्ष 2025 चैत्र नवरात्रि पर किस वाहन से आ रही मां दुर्गा

अगर चैत्र नवरात्र का शुभारंभ बुधवार से होता है, तो माता रानी का वाहन नाव होता है। जैसे कि बताया गया है कि दिन के आधार पर माता का वाहन तय होता है। इस साल चैत्र नवरात्रि में कलश की स्थापना रविवार को किया जाएगा। ऐसे में यह तय होता है कि इस वर्ष माता रानी हाथी पर सवार होकर आएंगी। इसे बेहद शुभ माना जाता है और लोगों के घरों में सुख समृद्धि आएगी। साथ ही इस बीच मेहनत का अच्छा फल भी मिलता है।

Advertisment

Navdurga

नौ दिन लगाया जाता है अलग-अलग भोग

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुल्क पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर में 12 बजकर 49 मिनट पर तिथि खत्म होगी। हर नवरात्र में मां दुर्गा का रूप बदल जाता है। पं अरुण शर्मा के अनुसार दिन के हिसाब से माता दुर्गा कभी शेर, हाथी तो कभी नाव पर सवार होकर आती हैं। माता के अलग-अलग स्वरूपों को नौ दिन अलग-अलग भोग लगाया जाता है। कलश की स्थापना यानी घट स्थापना अगर रविवार या सोमवार के दिन होती है, तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। वहीं, चैत्र नवरात्रि का आरंभ अगर मंगलवार या शनिवार के दिन होता है तो मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं।

Advertisment

चैत्र नवरात्रि पूजा विधि:

  • चैत्र नवरात्रि के पहले दिन, भक्त घटस्थापना करते हैं।
  • घटस्थापना के बाद, भक्त नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं।
  • भक्त माँ दुर्गा को फूल, फल और मिठाई चढ़ाते हैं।
  • भक्त माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करते हैं और आरती करते हैं।
  • नवरात्रि के आखिरी दिन, भक्त कन्या पूजन करते हैं।
  • कन्या पूजन में, भक्त नौ छोटी लड़कियों को भोजन कराते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।
  • चैत्र नवरात्रि के दौरान, भक्त नौ दिनों तक सात्विक भोजन करते हैं। 

 

 

 

Hindu Religious Practices hindu religion hindi religious festion
Advertisment
Advertisment