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शुक्रवार के व्रत में करें महालक्ष्मी मंत्र का जाप, मां लक्ष्मी करेंगी धन और सुख की वर्षा

मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए व्रतधारियों को महालक्ष्मी मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। सफेद वस्त्र धारण कर मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

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YBN News
Mahalakshmimantra

Mahalakshmimantra Photograph: (ians)

नई दिल्ली।शुक्रवार को मां लक्ष्मीकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए व्रतधारियों को महालक्ष्मी मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इस दिन सफेद वस्त्र धारण कर मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से घर में धन, सुख और समृद्धि का वास होता है। शास्त्रों के अनुसार, शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दिन किया गया पूजन और व्रत शीघ्र फल देता है। नियमित रूप से यह मंत्र जाप करने से जीवन में सौभाग्य, सफलता और शांति बनी रहती है।

शुक्रवार का व्रत

मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि शुक्रवार को है। इस दिन सूर्य राशि में और चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। इस तिथि को कोई भी विशेष पर्व नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में यह व्रत शुक्र ग्रह को मजबूत करने और उससे जुड़े दोषों को दूर करने के लिए भी रखा जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। 

ब्रह्मवैवर्त पुराण और मत्स्य पुराण

ब्रह्मवैवर्त पुराण और मत्स्य पुराण में शुक्रवार व्रत करने का उल्लेख मिलता है, जिसमें बताया गया है कि इस दिन माता लक्ष्मी, संतोषी और शुक्र ग्रह के लिए विधि-विधान से पूजा करने से सुख, समृद्धि, धन-धान्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर सभी कष्ट दूर होते हैं और माता रानी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। अगर कोई भी जातक व्रत को शुरू करना चाहता है, तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से कर सकता है। आमतौर पर 16 शुक्रवार तक व्रत रखने के बाद उद्यापन किया जाता है।

महालक्ष्मी मंत्र

पूजा के अंत में कमल पुष्प अर्पित करें, लक्ष्मी चालीसा पढ़ें। प्रसाद में खीर, मिश्री और बर्फी बांटें। इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें। लाल कपड़े पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीप जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम और मिठाई का भोग लगाएं। ‘श्री सूक्त’ और ‘कनकधारा स्तोत्र’ का पाठ करें। साथ ही महालक्ष्मी मंत्र 'ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' का जाप करें। ये जाप समृद्धि और सौभाग्य पाने के लिए किया जाता है। 'विष्णुप्रियाय नमः' का जप भी लाभकारी है।

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