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Chardham Yatra: बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख का ऐलान, जानिए कब से होंगे बाबा के दर्शन?

केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट जल्द ही खुलने जा रहे हैं। इसे लेकर तैयारियां चरम पर हैं और तारीख का ऐलान कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि कब से कपाट खुलेंगे और आप बाबा के दर्शन कर सकते हैं।

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Pratiksha Parashar
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स्त्रोत-IRCTC

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चमोली, वाईबीएन नेटवर्क। सनातन धर्म में चार धाम की यात्रा का विशेष महत्व माना गया है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने की इच्छा हर श्रद्धालु की होती है, अब यह इंतजार खत्म होने जा रहा है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट जल्द ही खुलने जा रहे हैं। इसे लेकर तैयारियां चरम पर हैं और तारीख का ऐलान कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि कब से कपाट खुलेंगे और आप बाबा के दर्शन कर सकते हैं।

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कब खुलेंगे कपाट?

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) ने धाम के कपाट खुलने की तारीख का ऐलान कर दिया है। आधिकारिक तौर पर केदानाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे। वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई से खुलने जा रहे हैं। मद्महेश्वर मंदिर (द्वितीय केदार) के कपाट 21 मई को खुलेंगे और तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट भी 2 मई को खुलेंगे। कपाट खुलने के बाद आप बाबा के दर्शन कर सकते हैं। 

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डीएम ने दी जानकारी

चमोली DM संदीप तिवारी ने कहा, "बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई और हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलने जा रहे हैं और हमारी तैयारियां चरम पर हैं। नेशनल हाईवे पर जिन जगहों पर काम चल रहा था, उनमें से अधिकतर जगहों पर काम पूरा हो चुका है। बद्रीनाथ धाम में बिजली व्यवस्था सुचारू कर दी गई है, पानी और सीवरेज पर काम लगातार चल रहा है, बर्फ हटाने के लिए सेना के जवान भी हेमकुंड साहिब पहुंच गए हैं। इसके बाद पूरे रूट का जायजा लेने के बाद बिजली और पानी की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।"

चारधाम यात्रा

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आपको बता दें कि चार धाम यात्रा हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है। चार धाम यात्रा में चार पवित्र हिमालयी तीर्थस्थलों की यात्रा शामिल हैं, जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ आते हैं। चारधाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, इसके बाद गंगोत्री, इसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ में केदारनाथ यात्रा समाप्त होती है। हिमालय में स्थित होने की वजह से यहां बर्फबारी होती है। रास्ते सकड़ें हैं। कभी भी भूस्खन हो जाता है। यही वजह है कि चारधाम यात्रा बेहद कठिन मानी जाती है। 

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