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Holashtak से लेकर होलिका दहन तक जरूर करें ये यह काम, घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी

सनातन धर्म में होलाष्टक की अवधि को अशुभ माना गया है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते। होलाष्टक आठ दिनों की अवधि होती है, जो होली से आठ दिनों पहले शुरू होती है। होलाष्टक में शुभ कामों पर रोक होती है।

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Mukesh Pandit
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Holashtak 2025: सनातन धर्म में होलाष्टक की अवधि को अशुभ माना गया है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते। होलाष्टक आठ दिनों की अवधि होती है, जो होली से आठ दिनों पहले शुरू होती है। होलाष्टक में शुभ कामों पर रोक होती है, लेकिन इस दौरान कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं, जिनसे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। होलाष्टक के दौरान विवाह, नामकरण, गृह-प्रवेश, मुंडन समेत आदि शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। इन वर्जित कामों को करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। होलाष्टक के दौरान हवन भी नहीं करना चाहिए। साथ ही किसी नए काम की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए।

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वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल होली का उत्सव 14 मार्च को मनाया जाएगा। वहीं इस साल होलाष्टक की शुरुआत 7 मार्च से हो जाएगी। इसके बाद 13 मार्च को होलिका दहन के के साथ ही होलाष्टक की अवधि का समापन हो जाएगा।

होलाष्टक के उपाय

ज्योतिषविदों का मानना है कि होलाष्टक के दिन बहुत खास होते हैं। इस दौरान यदि कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं, तो कभी भी घर में धन की कमी नहीं होती। घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में होलाष्टक से लेकर होलिका दहन तक ये एक काम जरूर करना चाहिए।

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उत्तर पूर्व दिशा में जलाएं दीपक

ज्योतिष पं शशिशेखर त्रिपाठी के अनुसार, होलाष्टक से लेकर होलिका दहन तक घर के उत्तर पूर्व दिशा में दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाने के बाद उसकी लौ को देखकर माता लक्ष्मी का ध्यान अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि होलाष्टक से लेकर होलिका दहन तक घर के उत्तर पूर्व दिशा में दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे घर की आर्थिक स्थिति सुधरती है और घर में खुशियों का आगमन होता है।

दान से मिलता है लाभ

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होलाष्टक के दिनों में दान करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय में दान करने से जीवन के दुख दूर होते हैं। भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। होलाष्टक के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़े, अन्न, तिल, गुड़, हल्दी और धन का दान करना शुभ माना गया है। होलाष्टक के दौरान दान करने से वित्तीय संकट समाप्त होते हैं।

होलाष्टक में क्या ना करें

  • होलाष्टक के दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नामकरण, सगाई, उपनयन संस्कार जैसे शुभ काम न करें।
  • इस अवधि में नया व्यवसाय न शुरू करें।
  • इस अवधि में नई गाड़ी और नया घर भी न खरीदें।
  • इस अवधि में नए घर या दुकान के निर्माण का काम भी न शुरू कराएं।

    होली 2025 कब है?

    रंगों का पर्व होली हर वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे होगा और यह 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगी। अतः इस वर्ष होली का उत्सव 14 मार्च 2025 को मनाया जाएगा।


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