Advertisment

Vaishakh Masik Durgashtami 2025 : हर माह की अष्टमी पर करें देवी पूजा और व्रत, जानें पूजन विधि और मंत्र

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जो मां दुर्गा को समर्पित होती है। वर्ष 2025 में वैशाख मास की मासिक दुर्गाष्टमी 05 मई को मनाई जाएगी।

author-image
Mukesh Pandit
वैशाख मास मासिक दुर्गाष्टमी
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

हिंदू धर्म में वैशाख मास को अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह महीना भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, और श्रीकृष्ण की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जो मां दुर्गा को समर्पित होती है। वर्ष 2025 में वैशाख मास की मासिक दुर्गाष्टमी 05 मई को मनाई जाएगी, और यह दिन सोमवार को होगा। यह पर्व भक्तों के लिए सुख, समृद्धि, शक्ति, और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति का अवसर प्रदान करता है। मासिक दुर्गाष्टमी के महत्व, पूजन विधि, और मंत्रों के बारे में विस्तार जानें।

Advertisment

मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी का हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। यह दिन मां दुर्गा की शक्ति, कृपा, और आशीर्वाद की उपासना के लिए समर्पित है। वैशाख मास की दुर्गाष्टमी का महत्व और भी विशेष हो जाता है, क्योंकि यह मास भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है, और इस दौरान किए गए धार्मिक कार्यों का पुण्य अक्षय होता है।

सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति : मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह दिन जीवन की बाधाओं को दूर करने और शांति प्राप्त करने के लिए आदर्श माना जाता है।

Advertisment

शक्ति और साहस का प्रतीक : मां दुर्गा शक्ति, साहस, और पराक्रम की प्रतीक हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों को कठिनाइयों और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो तंत्र-मंत्र साधना में रुचि रखते हैं।

पापों से मुक्ति : धार्मिक मान्यता के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं, और उनका मन शुद्ध होता है। यह दिन आध्यात्मिक शुद्धि और मानसिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है।

ग्रहदोष निवारण : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से ग्रहदोषों से मुक्ति मिलती है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो ज्योतिषीय समस्याओं से पीड़ित हैं।

Advertisment

पौराणिक कथा : एक प्रचलित कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने इंद्र को श्राप से मुक्ति दिलाई थी। इसके बाद इंद्र ने मां दुर्गा से वरदान मांगा कि वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को उनकी पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हों। तभी से यह तिथि मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाई जाती है।

मासिक दुर्गाष्टमी की पूजन विधि

मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा में स्वच्छता, श्रद्धा, और समर्पण का विशेष महत्व होता है। नीचे वैशाख मास की दुर्गाष्टमी की पूजा की विधि :

Advertisment

प्रातःकाल स्नान और स्वच्छता: प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मां दुर्गा को लाल रंग प्रिय है, इसलिए लाल वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

दीप प्रज्वलन और धूप: घी का दीपक और धूप जलाएं। यह पूजा स्थल को पवित्र और सुगंधित बनाता है।

मां दुर्गा का अभिषेक: मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र को गंगाजल, दूध, और शहद से अभिषेक करें। इसके बाद अक्षत, सिंदूर, और लाल पुष्प अर्पित करें

भोग अर्पण: मां दुर्गा को फल, मिठाई, नारियल, सुपारी, और पंचामृत का भोग लगाएं। हलवा, पूरी, और काले चने का प्रसाद विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

मंत्र जाप और पाठ: मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें। यह पूजा को और प्रभावशाली बनाता है।

कन्या पूजन: नौ कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा करें। उन्हें भोजन, वस्त्र, और दक्षिणा भेंट करें।

आरती और व्रत: अंत में मां दुर्गा की आरती करें। व्रत रखने वाले भक्त फलाहार ग्रहण कर सकते हैं या एक समय भोजन कर सकते हैं।

मासिक दुर्गाष्टमी के मंत्र

मां दुर्गा की पूजा में मंत्रों का जाप विशेष महत्व रखता है। निम्नलिखित मंत्रों का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है:

मूल मंत्र:
ॐ दुं दुर्गायै नमः
इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। यह मंत्र शक्ति और रक्षा प्रदान करता है।

दुर्गा बीज मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
यह मंत्र मां दुर्गा की नौ स्वरूपों की शक्ति को जागृत करता है।

सर्व मंगल मंत्र:
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।
यह मंत्र सुख, शांति, और समृद्धि प्रदान करता है।

दुर्गा शक्ति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
इस मंत्र का जाप मां दुर्गा की शक्ति को समर्पित है।

दुर्गा रक्षा मंत्र:
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
यह मंत्र रक्षा और क्षमा के लिए जप किया जाता है।

 

hindu religion hindi religious festion
Advertisment
Advertisment