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मंगलवार का दिन हिंदूधर्म में भगवान हनुमान और मंगल ग्रह को समर्पित होता है। इस दिन दान करने की परंपरा विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह न केवल धार्मिक, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी माना जाता है। मंगलवार को दान करने से मंगल ग्रह के दोषों का निवारण होता है और जीवन में साहस, ऊर्जा और समृद्धि बढ़ती है। मान्यता है कि इस दिन यदि श्रद्धा और उचित नियमों के साथ दान किया जाए तो जीवन में कई प्रकार की बाधाएं दूर हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि मंगलवार के दिन क्या-क्या दान करना चाहिए और उसका क्या महत्व होता है।
मांगलिक दोष, को कम करने में सहायक
मंगलवार का दान मंगल ग्रह के दोष, जैसे मांगलिक दोष, को कम करने में सहायक है। यह क्रोध, विवाद और स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करता है। हनुमान जी की कृपा से भक्तों को साहस, आत्मविश्वास और रक्षा प्राप्त होती है। दान करने से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यह कार्य गरीबों की मदद के साथ-साथ सामाजिक कल्याण में भी योगदान देता है। मंगलवार का दान विशेष रूप से सूर्यास्त से पहले करना चाहिए, ताकि इसका पूर्ण लाभ मिले।
मंगलवार के दिन क्या दान करना चाहिए?
1. लाल वस्त्र और सिंदूर का दान
मंगलवार के दिन लाल रंग का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह दिन मंगल ग्रह का है और इसका रंग लाल है। इस दिन गरीबों को लाल वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही, हनुमान जी को सिंदूर बहुत प्रिय है। इस दिन आप मंदिर में सिंदूर चढ़ाने के साथ किसी ब्राह्मण या हनुमान भक्त को सिंदूर भी दान कर सकते हैं।
2. मसूर दाल और गुड़ का दान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार के दिन मसूर की दाल और गुड़ का दान करने से शनि, राहु और मंगल दोष में राहत मिलती है। अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष है या कर्ज से परेशान है तो ऐसे में उनके लिए यह उपाय बहुत फलदायी साबित हो सकता है। ये चीजें हनुमान जी को चढ़ाने के बाद गरीबों में बांट दें।
3. तांबा या तांबे के पात्र
मंगल ग्रह का धातु तांबा होता है। इस कारण मंगलवार को तांबे का पात्र, तांबे की अंगूठी या तांबे की कोई वस्तु दान करना शुभ फल देता है। यह कर्ज मुक्ति और शारीरिक बल बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
4. लाल फल और मिठाई
मंगलवार के दिन लाल रंग के फल जैसे अनार, सेब, या लाल मिठाइयों जैसे बर्फी या बूंदी का दान करना भी लाभकारी होता है। आप इन चीजों को हनुमान जी को चढ़ाकर जरूरतमंदों में बांट सकते हैं। मान्यता है कि इससे रोग दोष से मुक्ति मिलती है।
5. तेल और चप्पल का दान
मंगलवार के दिन तेल और चप्पल का दान भी विशेष फलदायी होता है, विशेष रूप से शनि दोष से पीड़ित लोगों के लिए। किसी गरीब को सरसों का तेल और पहनने योग्य चप्पल देने से जीवन में स्थिरता आती है और यात्रा में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
क्यों जरूरी है मंगलवार का दान?
मंगलवार का दान जीवन से नकारात्मकता को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा लाता है। यह दिन साहस और पराक्रम से जुड़ा है, इसलिए इस दिन किया गया दान आपके मनोबल को भी बढ़ाता है। साथ ही, इससे हनुमान जी की कृपा भी बरसती है।
हनुमान जी के मंत्र
1. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
2. ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
3. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
4. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय
रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति
भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।
5. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
6. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवर्षिमुनिवरदाय रामदूताय स्वाहा।
7. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पनाकल्पद्रुमायं
दुष्टमनोरथस्तंभनाय प्रभंजनप्राणप्रियाय महाबलपराक्रमाय
महाविपत्तिनिवारणाय पुत्रपौत्रधनधान्यादिविधिसम्पत्प्रदाय रामदूताय स्वाहा।
8. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रमुखाय
वज्ररोम्णे वज्रदन्ताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।
9. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परयन्त्रतन्त्रत्राटकनाशकाय
सर्वज्वरच्छेदकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय सर्वभयप्रशमनाय
सर्वदुष्टमुखस्तंभनाय सर्वकार्यसिद्धिप्रदाय रामदूताय स्वाहा।
10. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पूर्वमुखे सकलशत्रुसंहारकाय रामदूताय स्वाहा।
11. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पश्चिममुखे
गरुडाय सकलविघ्ननिवारणाय रामदूताय स्वाहा।
12. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर
शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।
13. ऊँ दक्षिणमुखाय पंचमुखहनुमते करालवदनाय नारसिंहाय
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्रः सकलभूतप्रेतदमनाय स्वाहा।
14. ऊँ पूर्वकपिमुखाय पंचमुखहनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रुसंहरणाय स्वाहा।
15. ॐ हं हनुमत्ये नमो नमः
श्री हनुमत्ये नमो नमः
जय जय हनुमत्ये नमो नमः
श्री राम दुताय नमो नमः ।।