/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/19/kratika-nakshtra-2025-07-19-17-01-41.jpg)
हमारे आकाश मंडलमें तारों के समूह को नक्षत्र का दर्जा प्राप्त है और प्राचीन आचार्यों ने पूरे आकाश मंडल को 27 नक्षत्रों में बांट रखा है। कृतिका नक्षत्र को कृत्तिका भी कहते हैं। इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य और राशि के स्वामी शुक्र हैं। यह नक्षत्र आकाश मंडल में अग्निशिखा की तरह दिखाई देता है। खुली आंखों से देखा जाए तो यह 6 तारों का समूह है, जो वृषभ राशि के समीप दिखाई पड़ता है। हालांकि इसमें सैकड़ों तारे दिखाई देते हैं। कृतिका नक्षत्र का नाम भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय से जुड़ा हुआ है और कार्तिकेय देवताओं के सेनापति हैं। इसलिए इस नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म होता है, वे काफी तेजस्वी और तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी होते हैं।
महिलाएं माता-पिता की अकेली संतान होती हैं
कृतिका नक्षत्र के लोग अपने कार्य को हमेशा प्रसारित करते रहते हैं और अपने काम का क्षेत्र भी बढ़ाते रहते हैं, जिससे इनका सामाजिक क्षेत्र काफी बड़ा होता है और इसके चलते बड़े लोगों से इनकी जान-पहचान होती रहती है। हालांकि यह लोग कंजरवेटिव प्रवत्ति होते हैं अर्थात पुरानी मान्यताओं के प्रति इनका लगाव रहता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिलाएं माता-पिता की अकेली संतान होती हैं या फिर भाई-बहन होते हुए भी उनके प्यार से वंचीत रहती हैं। इस नक्षत्र के जातक का भाग्योदय जन्म स्थान से दूर होता है इसलिए इनको यात्रा करना बहुत पसंद है। ये ज्यादातर मित्रों के साथ और प्रियजनों के साथ बाहन घूमने का प्लान बनाते रहते हैं।
कृतिका नक्षत्र में लाभकारी कार्य
कृतिका नक्षत्र में कुछ कार्य करने से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है, क्योंकि यह नक्षत्र ऊर्जा, परिवर्तन, और शुद्धिकरण से जुड़ा है।
नए कार्यों की शुरुआत। इस नक्षत्र में नए प्रोजेक्ट, व्यवसाय, या किसी रचनात्मक कार्य की शुरुआत करना लाभकारी होता है, क्योंकि सूर्य का प्रभाव ऊर्जा और आत्मविश्वास देता है। जैसे दुकान खोलना, नया निवेश शुरू करना, या किसी कला-संबंधी कार्य की शुरुआत। इस नक्षत्र में अध्ययन, शोध, या किसी नए कौशल को सीखना शुभ होता है। यह नक्षत्र बुद्धिमत्ता और विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाता है। किताब पढ़ना, कोर्स शुरू करना, या किसी जटिल विषय पर काम करना।
आध्यात्मिक और धार्मिक कार्य
अग्नि तत्व के कारण, इस नक्षत्र में हवन, यज्ञ, या पूजा-पाठ करना विशेष लाभकारी होता है। सूर्य देव की पूजा, गायत्री मंत्र जप, या अग्नि से संबंधित अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है। उदाहरण के लिए सूर्य को अर्घ्य देना, मंदिर में दान करना। कृतिका नक्षत्र में खेती, बागवानी, या निर्माण कार्य शुरू करना अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह नक्षत्र वृद्धि और स्थायित्व का प्रतीक है।
कृतिका नक्षत्र में क्या नहीं करना चाहिए?
कृतिका नक्षत्र को विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि इसकी तीक्ष्ण प्रकृति वैवाहिक जीवन में तनाव पैदा कर सकती है। नकारात्मक गतिविधियाँ: इस नक्षत्र में झगड़े, नकारात्मक बहस, या अनैतिक कार्यों से बचना चाहिए, क्योंकि अग्नि तत्व नकारात्मकता को बढ़ा सकता है। दशमी तिथि सामान्य रूप से मध्यम शुभ मानी जाती है। यह तिथि कुछ कार्यों जैसे धार्मिक अनुष्ठान, यात्रा शुरू करने, या सामाजिक कार्यों के लिए उपयुक्त हो सकती है, लेकिन विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए प्रायः इससे बचा जाता है। दशमी तिथि का स्वामी भगवान विष्णु हैं, जो स्थिरता और संरक्षण का प्रतीक है। : Kritika Nakshatra 2025 | auspicious day tips | Kritika Nakshatra meaning | Hindu Dharm Guru | hindufestival | hindu | hindu festival