Advertisment

Magh Purnima 2025 में इन मंत्रों के जाप से होगी सभी समस्याए दूर

Magh Purnima 2025 : पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को विशेष प्रिय होता है। इस दिन श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। साथ ही विशेष चीजें दी जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा के कमजोर होने पर मानसिक तनाव की समस्या होती है।

author-image
Kamal K Singh
नकक
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को विशेष प्रिय होता है। इस दिन श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। साथ ही विशेष चीजें दी जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा के कमजोर होने पर मानसिक तनाव की समस्या होती है। ऐसे में पूर्णिमा के दिन चंद्र देव के मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से हर मनोकामना पूरी होती है और चंद्र दोष दूर होता है।

माघ पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा की तिथि 11 फरवरी को शाम 06:55 बजे शुरू होकर 11 फरवरी को शाम 06:55 बजे समाप्त हो रही है। इस तरह माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जाएगी।

यह मंत्र तनाव से मुक्ति दिलाता है

  1. ऊँ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं ।
    महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय
    ईमममुध्य पुत्रममुध्यै पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।
  2.  ऊँ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
    ऊँ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नम:।
    ऊँ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।
  3. ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम ।
    नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम ।।
  4. ऊँ अमृतंग अन्गाये विधमहे कलारुपाय धीमहि, तन्नो सोम प्रचोदयात ।।
  5. ऊँ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च ।
    अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन्विश्वे देवा यजमानश्च सीदत ।।
  6.  प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम ।
    सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम ।।
  7. ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुध: प्रचोदयात ।
  8. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
    ऊँ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः।
    सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः’।।
  9. मामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं’।।
  10. ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय।।
  11. धन लाभ के लिए मंत्र
    या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
    या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
    या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
    सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
Advertisment
Advertisment