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हिंदू ज्योतिष में शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता माना जाता है। शनि की साढ़े साती और ढैय्या एक ऐसी ज्योतिषीय स्थिति है, जो किसी व्यक्ति की जन्म राशि, उससे बारहवीं और दूसरी राशि पर शनि के गोचर के दौरान साढ़े सात वर्ष तक प्रभावित करती है। यह अवधि व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जिसमें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियां आ सकती हैं। हालांकि, शनिदेव को प्रसन्न करने और साढ़े साती के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप और पूजा विधियां अत्यंत प्रभावी मानी जाती हैं। शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा के लिए समर्पित है, और इस दिन मंत्र जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। जानिए, शनिवार को किए जाने वाले मंत्र जाप और उसकी विधि...
साढ़े साती से मुक्ति के लिए मंत्र
शनि की साढ़े साती के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों में से किसी एक का जाप करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इनमें से सबसे प्रभावी और सरल मंत्र है:
शनि बीज मंत्र:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
इस मंत्र का जाप साढ़े साती के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है।
अन्य प्रभावी मंत्र:
शनि गायत्री मंत्र:
ॐ भगभवाय विद्महैं मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
शनि वैदिक मंत्र:
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।
शनि दोष निवारण मंत्र:
ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात्।
मंत्र जाप की विधि
शनिदेव के मंत्रों का जाप करने के लिए विधि-विधान का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। नीचे दी गई विधि का पालन करें: शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें, अधिमानतः काले, गहरे नीले, या ग्रे रंग के कपड़े। यह शनिदेव को प्रिय माना जाता है।
पूजा स्थल की तैयारी: घर के किसी शांत और स्वच्छ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। ध्यान रखें कि शास्त्रों के अनुसार, शनिदेव की मूर्ति को घर के पूजा स्थल में रखना वर्जित है, इसलिए मंदिर में पूजा करना बेहतर है। यदि घर में पूजा कर रहे हैं, तो शनि यंत्र का उपयोग करें। पूजा स्थल पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काले तिल, नीले फूल, और काला कपड़ा अर्पित करें।
मंत्र जाप की प्रक्रिया: कुश के आसन पर बैठें और पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर मुंह करें। रुद्राक्ष या काली तुलसी की माला का उपयोग करें।
चुने हुए मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। शनि बीज मंत्र (ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः) का जाप 23,000 बार करने का विधान है, जिसे कई शनिवारों में पूरा किया जा सकता है जाप के दौरान शांत मन से शनिदेव का ध्यान करें और उनसे कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें। मंत्र जाप सुबह या संध्या काल में करना उत्तम माना जाता है। hindu | hindu boy | hindufestival | hindu festival | hindu bhagwa | bhagwa Hindutva
यह उपाय भी आजमाएं
शनिवार को शनि मंदिर में जाकर सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करें।
शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का 7 या 21 बार पाठ करें।
हनुमान जी की पूजा करें, क्योंकि हनुमान चालीसा का पाठ शनिदेव के दुष्प्रभावों को कम करता है।
जरूरतमंदों को काला चना, काले वस्त्र, या लोहे का दान करें।
मंत्र जाप के दौरान तामसिक भोजन (मांस, मदिरा) से बचें।
जाप करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें।
यदि साढ़े साती का प्रभाव अधिक है, तो ज्योतिषी से सलाह लेकर नीलम रत्न या लोहे की अंगूठी धारण करें।
शनिदेव की मूर्ति के सामने मंत्र जाप न करें; इसके बजाय शनि यंत्र का उपयोग करें।
शनि की साढ़े साती के प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार को मंत्र जाप और पूजा करना अत्यंत प्रभावी है। शनि बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का नियमित जाप, विधि-विधान के साथ, शनिदेव की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-शांति लाने में सहायक हो सकता है। इसके साथ ही, अच्छे कर्म, दान, और हनुमान जी की पूजा साढ़े साती के कष्टों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शनिदेव कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसलिए सच्चे मन से पूजा और मंत्र जाप करने से निश्चित रूप से लाभ मिलता है।