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वैदिक ज्योतिष में देवताओंके गुरु बृहस्पति की महत्वपूर्ण ग्रहों में गणना की जाती है। वह लगभग एक वर्ष में राशि परिवर्तन करते हैं। वर्तमान में गुरु बृहस्पति मिथुन राशि में विराजमान है। इस पोजीशन में वे किसी ने किसी ग्रह के साथ संयोग करेक शुभ-अशुभ राजयोग का निर्माण करते हैं। राशि परिवर्तन के बाद मंगल के साथ संयोग करे पंचम राजयोग का निर्माण करेंगे। गुरु-मंगल के इस संयोग ने निम्न राशियों के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है।
इस योग के प्रभाव से करियर में तरक्की के अवसर
इस बार 12 साल के बाद मंगल और गुरु मिलकर नवपंचम राजयोग का निर्माण कर रहे हैं, जिससे वृष, मिथुन और तुला राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। इस योग के प्रभाव से करियर में तरक्की, आर्थिक स्थिति में सुधार, रुके कार्यों में सफलता और सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि के योग बन रहे हैं।
जब दो ग्रह नवम व पंचम भाव में होते हैं
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नवपंचम योग तब बनता है जब दो ग्रह एक-दूसरे से नवम (9वें) और पंचम (5वें) भाव में स्थित होते हैं, जिससे त्रिकोणीय संबंध बनता है। यह योग विशेष रूप से शुभ माना जाता है क्योंकि यह भाग्य, धन, समृद्धि, और करियर में प्रगति का कारक होता है। गुरु (बृहस्पति) के साथ विभिन्न ग्रहों (जैसे शुक्र, चंद्रमा, केतु, राहु, या मंगल) की युति से यह योग बनता है, और इसका
प्रभाव राशियों पर निर्भर करता है।
मेष राशि:इस राशि के जातकों के रुके हुए काम फिर से शुरू हो सकते हैं और समाज में उनका मान-सम्मान बढ़ सकता है। उन्हें भूमि, भवन या वाहन खरीदने का मौका मिल सकता है और घर के विवाद भी समाप्त हो सकते हैं।
वृष: गुरु वृष राशि में विराजमान हैं, और नवपंचम योग के प्रभाव से इस राशि के जातकों को आर्थिक स्थिति में सुधार, नौकरी में प्रमोशन, और व्यापार में लाभ मिल सकता है। अचानक धन लाभ और रुके हुए कार्यों के पूर्ण होने की संभावना है। पारिवारिक जीवन में भी सुख-शांति रहेगी।
कन्या :शुक्र और गुरु के नवपंचम योग से कन्या राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा। आकस्मिक धन लाभ, नौकरी में नए अवसर, और सट्टेबाजी या निवेश से लाभ की संभावना है। अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ेगा, और पार्टनर के साथ संबंध मजबूत होंगे।
मिथुन गुरु के मिथुन राशि में गोचर और राहु के साथ नवपंचम योग के निर्माण से इस राशि के जातकों को करियर में अप्रत्याशित सफलता, नौकरी के नए अवसर, और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। निवेश और व्यापार में भी लाभ की संभावना है।समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और छात्रों को भी सफलता मिलेगी।
सिंह > गुरु और केतु या मंगल के साथ नवपंचम योग से सिंह राशि के जातकों को करियर में तरक्की, नई जिम्मेदारियां, और व्यापार में मुनाफा मिल सकता है। परिवार में सुख-शांति और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
मकर :नवपंचम योग मकर राशि के लिए निवेश और व्यापार में लाभकारी सिद्ध होगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता, नौकरी में पदोन्नति, और आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है।
मीन : गुरु-शुक्र या गुरु-चंद्रमा के नवपंचम योग से मीन राशि के जातकों को अप्रत्याशित धन लाभ, नौकरी में प्रमोशन, और व्यापार में सफलता मिल सकती है। लंबी यात्राओं और मानसिक शांति के योग भी बन रहे हैं। मीन राशि के जातकों के आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी और रिश्तेदारों के साथ संबंध सुधरेंगे। कार्यस्थल पर उनकी तारीफ होगी और धन वृद्धि के योग बनेंगे।
वृश्चिक : गुरु-केतु या सूर्य-गुरु के नवपंचम योग से वृश्चिक राशि के जातकों को नौकरी-व्यापार में तरक्की, आर्थिक समृद्धि, और परिवार में खुशहाली मिल सकती है> hindu god | hindu guru | Hindu festivals | hindu festival