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सनातन धर्म में सावन का महीना बेहद खास माना जाता है। यह महीना देवों के देव महादेव को पूर्णतया समर्पित माना जाता है। इसके चलते सावन का हर एक दिन विशेष होता है। इस शुभ अवसर पर रोजाना भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इस पूरे महीने में श्रद्धालु व्रत, उपवास और शिव पूजन के माध्यम से भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने का प्रयास करते हैं। इसी पवित्र सावन माह की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है, जो देवों के देव महादेव के साथ-साथ नाग देवता की भी आराधना का प्रमुख दिन होता है।
नाग पंचमी 2025 की तिथि और शुभ संयोग
इस वर्ष नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। पंचमी तिथि शुरू होगी 28 जुलाई की रात 11:28 बजे और समाप्त होगी 29 जुलाई की रात 12:23 बजे। उदया तिथि के अनुसार नाग पंचमी 29 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन शिव योग, सिद्ध योग, और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है, जो इसे और अधिक शुभ बनाता है।
नाग देवता की पूजा का महत्व
नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में नागों को भगवान शिव का अंश माना गया है। वासुकी नाग, जो शिव के गले का आभूषण हैं, के साथ अन्य प्रमुख नाग–शेषनाग, तक्षक, कालिया, अनंत –की भी इस दिन पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष, राहु-केतु के प्रभाव और जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, यह पर्व दुर्भावनाओं और विषैले विचारों से भी छुटकारा दिलाने वाला माना जाता है।
पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 4:32 बजे से लेकर दोपहर 1:25 बजे तक रहेगा। श्रद्धालु इस दिन शिव मंदिर या नाग देवता के मंदिर जाकर शोडशोपचार विधि से पूजा करते हैं। अगर पास में नाग मंदिर नहीं हो, तो शिवलिंग पर दूध, लावा (धान का भुना हुआ रूप), पुष्प और चावल अर्पित करके नाग पूजा की जा सकती है। इस दिन व्रत रखने और ब्राह्मण या गरीब को खीर का भोग खिलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है और ग्रह दोष शांत होते हैं।
पौराणिक और ज्योतिषीय मान्यता
इस बार नाग पंचमी विशेष संयोगों के कारण अधिक फलदायक रहेगी। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग, राहु-केतु दोष या अन्य ग्रह बाधा हो, तो इस दिन पूजा-अर्चना विशेष रूप से करनी चाहिए। सावन का माह स्वयं में दिव्यता लिए होता है, और पंचमी का दिन शिव और नाग देवता दोनों की कृपा पाने के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
अलग-अलग हिस्सों में मनाई जाती है नागपंचमी
भारत के अलग-अलग हिस्सों में नाग पंचमी को अनोखे तरीके से मनाया जाता है। कहीं घरों की दीवारों पर गोबर या मिट्टी से नाग की आकृति बनाकर दूध चढ़ाया जाता है, तो कहीं खेतों की मिट्टी में नाग देवता की प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है. महिलाएं व्रत रखती हैं, भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और सांपों से रक्षा हेतु प्रार्थना करती हैं।