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नवपाषाणम मंदिर: भगवान राम ने स्वयं समंदर में स्थापित किए थे नवग्रह, यहां तालाब में स्नान का विशेष महत्व

तमिलनाडु में देवीपट्टिनम में रामेश्वरम से 17 किलोमीटर की दूरी पर अनोखा नवग्रह मंदिर नवपाषाणम मंदिर है, जहां भक्त दूर-दूर से अपनी बीमारियों से छुटकारा पाने और नवग्रहों को संतुलित कराने के लिए आते हैं।

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Mukesh Pandit
Navapashanam Temple

हिंदू धर्म में नवग्रह को हुत महत्व दिया गया है। अगर नवग्रह सही स्थिति में हैं तो जीवन का हर कार्य आसानी से हो जाता है, लेकिन ग्रहों की नीच की स्थिति मनुष्य के जीवन में भूचाल ला सकती है। क्या आप जानते हैं कि तमिलनाडु के एक गांव में समंदर से सटे तालाब में स्नान कर नवग्रहों को संतुलित करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ये तालाब औषधियों से भरपूर हैं। तमिलनाडु में देवीपट्टिनम में रामेश्वरम से 17 किलोमीटर की दूरी पर अनोखा नवग्रह मंदिर नवपाषाणम मंदिर है, जहां भक्त दूर-दूर से अपनी बीमारियों से छुटकारा पाने और नवग्रहों को संतुलित कराने के लिए आते हैं।

भगवान राम ने की थी मंदिर की स्थापना

देखने में ये सिर्फ थोड़ा सा तालाब है, जो तट के समीप बना है, लेकिन हिंदू धर्म में इसकी आस्था बहुत है। किंवदंती की मानें तो इस मंदिर और तालाब की स्थापना भगवान राम ने की थी। उन्होंने खुद रावण से युद्ध करने से पहले अपने हाथों से समंदर में नवग्रहों की प्रतिमाएं गोल चक्कर के रूप में स्थापित की थी और पूजा की थी। पूजा के बाद भगवान राम को वरदान मिला था कि पुल बनाने के दौरान उनकी वानर सेना को समंदर की लहरें नुकसान नहीं पहुंचाएंगी।

तालाब का पानी अमृत समान 

भक्तों की इस तालाब को लेकर और भी मान्यता है। कहा जाता है कि तालाब का पानी अमृत समान है और इसमें नौ जड़ी-बूटियों के गुण हैं। यहां स्नान करने से रोगों से छुटकारा मिलता है। भक्त तालाब का लेकर अपने घर भी जाते हैं। माना जाता है कि इन्हीं नौ जड़ी-बूटियों से तमिल शैव सिद्ध बोगर ने पलानी मंदिर में भगवान मुरुगन की मूर्ति बनाई थी और उन्हीं जड़ी-बूटियों के गुण इस तालाब के पानी में भी शामिल हैं।

पूर्वजों के तर्पण के लिए भी यहां आते हैं भक्त

भक्त अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए भी यहां आते हैं। पहले तालाब में मौजूद नौ प्रतिमाओं की परिक्रमा करते हैं और उन पर फूलमाला अर्पित कर अपने पितृ का दर्पण करते हैं। हालांकि तालाब में मौजूद प्रतिमाओं का कोई निश्चित आकार नहीं है और वे आधी पानी के नीचे और आधी पानी के ऊपर रहती हैं। कई बार समंदर का जलस्तर बढ़ जाने की वजह से प्रतिमाएं पूरी तरह डूब जाती हैं।

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समंदर तट से सटे तालाब के पास एक और देवी का मंदिर भी बना है, जिसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। कहा जाता है कि देवी मां ने यहीं पर राक्षस महिषासुर का वध किया था।आईएएनएस  hindu bhagwa | hindu | bhagwa Hindutva | Hindu festivals India | Hindu festivals | hindu god | temple 

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