लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
पूरी दुनिया में इस वक्त पाक और मुकद्दस महीना रमज़ान चल रहा है। रमज़ान महीने में जहां मुसलमान खुद भूखे और प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करते है वहीं गरीब, जरूरतमंद और कमज़ोर लोगों की ज़्यादा से ज़्यादा मदद करने का भी हुक्म है। सदका फ़ित्र भी हर उस मुसलमान पर फ़र्ज़ है जो आर्थिक रूप से इसको अदा कर सकता है। इस साल 65 रुपए प्रति व्यक्ति सदका फ़ित्र तय किया गया है।
शरीयत में अमीर को दूसरों की मदद करने के आदेश
दारूल इफ्ता वल कज़ा दारूल उलूम फरंगी महल के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने अपने बयान में कहा कि इस्लामी शरीयत के साफ और खुला आदेश है कि वह ईमान वाले जिनको उनके खालिक व मालिक ने माल व दौलत से नवाजा है, वह आर्थिक तौर पर कमजोर, जरूरतमन्द और गरीब बन्दों की हर मुमकिन सहायता करें। मालदार मुसलमानों पर हर साल जकात, सदका फित्र, और कुर्बानी के आदेश इस बात का खुला हुआ सुबूत हैं।
ईद की नमाज़ से पहले करना होगा अदा
उन्होने कहा कि सदका फित्र अदा करने का हुक्म इस्लामी शरीअत ने इस लिए दिया है कि जिन खुशकिस्मत मुसलमानों ने रमजान माह के रोजों को पूरा कर लिया है वह ईद की नमाज से पहले गरीब मुसलमानों की मदद करें ताकि वह ईद की खुशियों में शरीक हो सकें।मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि फित्रः एक वाजिब सका है। यह उस मुसलमान पर वाजिब होता है जो निसाब का मालिक हो चाहे वह मुसाफिर यो या मुकीम, औरत हो या मर्द, नाबालिग हो या बालिग।
65 रुपए प्रति व्यक्ति अदा करें
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि हदीस शरीफ में खुजूर, किशमिश, गेहूँ आटा, जौ और दही या पनीर से सद्का फित्र निकालने का हुक्म है। इस लिए जो लोग खुजूर, जौ और किशमिश में से सका फित्र अदा करें तो वह इन चीजों में से किसी एक चीज़ से साढ़े तीन किलो या उसकी कीमत दे दें। उन्होने कहा कि जो हजरात गेहूँ से सद्का अदा करें तो वह एक किलो पाँच सौ नव्वे ग्राम या उसकी कीमत कम से कम 65 रूपये प्रति व्यक्ति अदा करें।