नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क |
इस्लामिक कैलंडर का नौवा महिना जो की रमज़ान का है, वो आज से शुरू होने जा रहा है। दुनियाभर के मुसलमान इस महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह पवित्र महीना है जिसमें उपवास, प्रार्थना और आध्यात्मिक चिंतन सहित धार्मिक प्रथाओं को बढ़ाया जाता है।
मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र
भारत में रमज़ान 1 मार्च की शाम से शुरू होंगे और 30 या 31 मार्च को समाप्त होंगे (तारीख अर्धचंद्र के दिखने पर निर्भर करेगी)। यह पैगंबर मुहम्मद पर कुरान का अवतरण था जिन्होंने दुनिया भर के मुसलमानों के लिए आध्यात्मिक महत्व का अवसर स्थापित किया। रमजान का महीना पूरे इस्लामिक कैलंडर में मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र अवधि है।
रमज़ान का मतलब
माना जाता है कि रमज़ान के दौरान उपवास के आध्यात्मिक पुरस्कार कई गुना बढ़ जाते हैं। उपवास के दिनों के दौरान, मुसलमान न केवल भोजन और पानी से परहेज करते हैं, बल्कि इस्लाम में पापपूर्ण माने जाने वाले सभी व्यवहार से भी परहेज करते हैं, इसके बजाय वे खुद को प्रार्थना और कुरान के अध्ययन के लिए समर्पित करते हैं। यह एक पवित्र महिना है सारे मुसलमानों के लिए और कहा जाता है की इस महीने स्वर्ग के दरवाजे खुल जाते हैं।
किसे रखना चाहिए रोज़ा
रमजान के महीने में सबसे ज्यादा महतब है उपवास (रोज़ा) का, जिसमे खाना, पीना और धूम्रपान से परहेज करना चाहिए | जो मुसलमान पूरी तरह से स्वस्थ है, उन्हे ही रोज़ा रखना चाहिए | छोटे बच्चों, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओ को ये उपवास नहीं रखना चाहिए | जो बीमार है उसे भी ये उपवास नहीं रखना चाहिए | जो रोज़ा नहीं रख सकते हैं, उन्हें गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए और उन्हें खाना खिलाना चाहिए |
महीने का प्रत्येक दिन भोर के भोजन, सहरी, से शुरू होता है और इफ्तार, जो कि उपवास तोड़ने का भोजन है, के साथ समाप्त होता है।