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रवि योग और रविवार व्रत: ग्रहों के शुभ प्रभाव से दूर करें दोष, पाएं सफलता

रवि योग ज्योतिष में एक शुभ योग है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।

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Mukesh Pandit
Ravi Yog
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श्रावण मास की दशमी तिथि को रविवार पड़ रहा है। सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे। इस दिन रवि योग का संयोग बन रहा है। माना जाता है कि इस दिन शुभ कार्य करने से सफलता के द्वार खुलते हैं। रवि योग ज्योतिष में एक शुभ योग है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से संबंधित काम की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

जीवन में सुख, समृद्धि, अरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति 

इस दिन रविवार भी पड़ रहा है। अग्नि और स्कंद पुराण में उल्लेख मिलता है कि रविवार के दिन व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि, अरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। वहीं, इस व्रत की शुरुआत आप किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से शुरू कर सकते हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी माना जाता है जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें

व्रत शुरू करने के लिए आप रविवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। उसके बाद एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें

इसके अलावा, इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है। इन उपायों को करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।

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बिना नमक का भोजन करें

इस दिन एक समय बिना नमक का भोजन करें। रविवार के दिन एक समय बिना नमक का भोजन करें। रविवार के दिन काले या नीले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, बाल या दाढ़ी कटवाना, तेल मालिश करना और तांबे के बर्तन बेचना भी वर्जित माना गया है। व्रत का उद्यापन 12 व्रतों के बाद किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर के 12 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय शाम के 5 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। hindu bhagwa | hindu festival | hindu god | hindu guru | Hindu festivals | hindu name city | hindu religion

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