Navratri 2025 Remedies: चैत्र नवरात्र हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है और दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष रूप से किया जाता है। चैत्र नवरात्र दुर्गा सप्तशती का पाठ करना विशेष फलदाई होता है। दुर्गा सप्तशती, जिसे "देवी माहात्म्य" भी कहा जाता है, मार्कण्डेय पुराण का हिस्सा है और इसमें मां दुर्गा की महिमा, उनके युद्ध और शक्ति का वर्णन 700 श्लोकों में किया गया है। इसका पाठ नवरात्र में करने से सुख, समृद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है। जानिए दुर्गा सप्तशती की विधि और इसके करने के उपाय:
दुर्गा सप्तशती पाठ की विधि
शुद्धता और तैयारी: पाठ शुरू करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
संकल्प: हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर पाठ का संकल्प करें। अपने नाम, गोत्र, स्थान और उद्देश्य (जैसे शांति, समृद्धि) का उल्लेख करें।
प्रारंभिक पूजा: मां दुर्गा को फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (प्रसाद) और कुमकुम अर्पित करें। "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का जाप करें।
पाठ का क्रम: दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय हैं। प्रारंभ में "कवच", "अर्गला स्तोत्र" और "कीलक" का पाठ करें। इसके बाद मुख्य 13 अध्यायों का पाठ शुरू करें। अंत में "देवी सूक्त" और "क्षमा प्रार्थना" करें।
हवन (वैकल्पिक): यदि संभव हो, पाठ के बाद "नवाहुति हवन" करें। इसमें प्रत्येक अध्याय के मंत्रों के साथ "स्वाहा" कहकर आहुति दें।
समापन: पाठ के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
क्या-क्या उपाय हैं
समय: सुबह 6 से 9 बजे के बीच पाठ करना उत्तम माना जाता है।
माला जाप: पाठ से पहले या बाद में "दुर्गा बीज मंत्र" (ॐ दूं दुर्गायै नमः) की एक माला (108 बार) जपें।
दान: नवरात्रि में गरीबों को लाल वस्त्र, भोजन या गुड़ का दान करें।
व्रत: शक्ति बढ़ाने के लिए फलाहार या एक समय का उपवास रखें।
ध्यान: पाठ के दौरान लाल आसन पर बैठें और मां दुर्गा के स्वरूप का ध्यान करें।
क्या रखें सावधानियां
उच्चारण शुद्ध रखें, यदि संभव न हो तो हिंदी में अर्थ सहित पाठ करें।
महिलाएं मासिक धर्म के दौरान पाठ से बचें।
क्रोध या नकारात्मक भाव से पाठ न करें।
इस विधि से दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भक्तों को मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के कष्टों को दूर कर आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।
नवरात्रि मे तिलक स्तोत्र का पाठ
तंत्र-मंत्र का प्रभाव होगा खत्म
इस स्तोत्र का संबंध तंत्र-मंत्र से भी है। यदि किसी व्यक्ति पर तंत्र मंत्र का प्रभाव है तो इस शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ करने से सभी तांत्रिक क्रियाओं का प्रभाव पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है. नवरात्रि के अलावा इस चमत्कारी और शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ रोजाना करने पर कार्यों में उत्पन्न सभी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं और देवी मां साधक को अमोघ फल प्रदान करती हैं।