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Sawan Ka Pehla Somwar: भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष है यह मास, जाने पूजा विधि

श्रावण मास का पवित्र महीना हर शिवभक्त के लिए बेहद खास होता है। इस माह में भोले बाबा की विशेष कृपा बरसती है और उनकी आराधना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जानिए व्रत और पूजा की विधि।

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Mukesh Pandit
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श्रावण मास का पवित्र महीना हर शिवभक्त के लिए बेहद खास होता है। इस माह में भोले बाबा की विशेष कृपा बरसती है और उनकी आराधना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्रावण मास के व्रत में भगवान शिव की पूजा कैसे करनी चाहिए? व्रत के दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है? इस दिव्य माह में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए। तो चलिए, एक-एक करके जानते हैं सावन व्रत और पूजा से जुड़ी ये महत्वपूर्ण बातें। ताकि आप भी इस सावन में शिव कृपा के पात्र बन सकें और अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकें। 

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सोमवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा

श्रावण मास का पहला सोमवार इस वर्ष 14 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा।  हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई, सोमवार से शुरू होगा और 4 अगस्त, सोमवार को समाप्त होगा। इस दौरा न कुल 4 सोमवार पड़ेंगे –14 और 21 जुलाई तथा 28 और 4 अगस्त। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। शिवलिंग पर दूध, गंगाजल, बेलपत्र चढ़ाना और रुद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है।

श्रावण मास में सोमवार व्रत में पूजा करने की विधि 

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सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल पर जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें। गंगाजल से पूजा स्थल को साफ करें और व्रत का संकल्प लें। शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद आदि से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल, चंदन, रोली, चावल आदि अर्पित करें।

पूजन की सामग्री

पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) से शिवलिंग का अभिषेक करें। धूप, दीप जलाकर कपूर से आरती करें। शिव चालीसा, शिव मंत्र जैसे “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। 

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शिव जी को प्रसाद चढ़ाएं – 

जैसे बेल पत्र, फल, मिठाई आदि। व्रत कथा सुनें या पढ़ें और भगवान शिव की आरती गाएं। दिन में एक बार ही सात्विक भोजन ग्रहण करें और रात्रि में जमीन पर सोएं । श्रावण मास के सोमवार व्रत का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं। सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। खासकर अविवाहित कन्याओं को यह व्रत अवश्य करना चाहिए। सावन माह भगवान शिव को बहुत प्रिय है और इस माह में उनकी आराधना करने का विशेष महत्व है।

सावन के व्रत में क्या करें

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रसीले फलों जैसे तरबूज, खरबूज और मौसमी फल का सेवन करें। ये शरीर में पानी की कमी को दूर करने में मददगार होते हैं। अखरोट या बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स खाएं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। गुड़ का सेवन करें। गुड़ में मौजूद आयरन एनर्जी लेवल को बनाए रखता है। नारियल पानी पीएं और लौकी की खीर का सेवन करें। ये हल्का और पौष्टिक आहार होता है। व्रत के दौरान हल्का और कम खाएं। एक ही समय पर ज्यादा खाने से परेशानी हो सकती है।

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