/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi22-2025-07-10-15-46-14.png)
/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi1-2025-07-10-15-46-40.png)
मार्कण्डेय महादेव
काशी में कई मंदिर है जो विश्व के नाथ और उनके भक्तों के बीच की सुंदर कथा से जुड़े हैं। ऐसा ही एक मंदिर है गंगा के पवित्र तट पर बसा मार्कण्डेय महादेव का मंदिर है।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi8-2025-07-10-16-00-08.png)
ओम नम: शिवाय की सुनाई देती है गूंज
साल भर इस मंदिर में 'हर हर महादेव' और 'ओम नम: शिवाय' की गूंज सुनाई देती है। सावन माह में तो मानो तिल तक रखने की जगह नहीं होती है। कैथी गांव के पास स्थित मंदिर के पास सावन की शुरुआत के साथ मेला भी शुरू हो जाएगा।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi7-2025-07-10-16-00-08.png)
यम को भी किया पराजित
मंदिर की सबसे खास बात है कि यहां काल या यम के देवता यमराज भी पराजित हो गए थे। मार्कण्डेय महादेव मंदिर की पौराणिक कथा भक्तों में गहरी आस्था जगाती है।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi6-2025-07-10-16-00-08.png)
शिव ने मार्कण्डेय को दिया जीवन
मार्कण्डेय को जन्म दोष था जिसके अनुसार पृथ्वी पर उनकी आयु मात्र 14 वर्ष थी। उम्र पूरी होने पर यमराज मार्कण्डेय को लेने आते हैं तो तब भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए। शिव ने यमराज को लौटने का आदेश दिया और मार्कण्डेय को जीवन दिया।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi5-2025-07-10-16-00-08.png)
मार्कण्डेय महादेव मंदिर प्रसिद्ध हो
मार्कण्डेय के माता-पिता ने गंगा तट पर बालू से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की। तभी से यह स्थल मार्कण्डेय महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi4-2025-07-10-16-00-08.png)
लंबी आयु का मिलता है वरदान
यहां त्रयोदशी (तेरस) के दिन विशेष पूजा होती है, जहां भक्त पुत्र प्राप्ति और पति की लंबी आयु की कामना करते हैं। महामृत्युंजय जाप, शिवपुराण, रुद्राभिषेक और सत्यनारायण कथा का आयोजन भी होता है।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi3-2025-07-10-16-00-08.png)
श्रीराम लिखकर बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं
महाशिवरात्रि पर दो दिनों तक अनवरत जलाभिषेक की परंपरा है। धार्मिक मान्यता है कि बेलपत्र पर महादेव के आराध्य श्रीराम का नाम लिखकर अर्पित करने से संतान की आयु लंबी होती है और यम का त्रास भी नहीं रहता।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/kashi2-2025-07-10-16-00-08.png)
अमरता का वरदान प्राप्त किया
मार्कण्डेय ऋषि ने अपनी भक्ति से शिवलिंग स्थापित कर अमरता का वरदान प्राप्त किया था। सावन में कांवड़ियों की भीड़ से काशी की यह शिवनगरी और जीवंत हो उठती है।