नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज का दिन सिर्फ मंगलवार नहीं, बल्कि एक दुर्लभ योग का प्रतीक है। शनि जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या के साथ तीसरा बड़ा मंगल एक साथ पड़ा है। हनुमान जी और शनिदेव की पूजा का यह उत्तम संयोग बरसों में एक बार आता है। शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय जानकर बदल सकती है आपकी किस्मत। जानिए आज का संपूर्ण पंचांग और इससे जुड़े धार्मिक व ज्योतिषीय रहस्य।
शनि जयंती और बड़ा मंगल का महासंयोग, आज का शुभ दिन न करें व्यर्थ
27 मई 2025 को पड़ रही ज्येष्ठ अमावस्या तिथि, शनि जयंती और बड़ा मंगलवार का दुर्लभ संयोग हिंदू पंचांग में अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन का ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। शनि दोष, पितृ दोष और ग्रह अशांति के उपाय के लिए आज का दिन अत्यंत प्रभावी माना जाता है। चलिए जानते हैं आज का पंचांग, शुभ मुहूर्त, पूजा विधियां और जरूरी सावधानियां।
आज का विशेष पंचांग (27 मई 2025)
तिथि: ज्येष्ठ अमावस्या
वार: मंगलवार
नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा
योग: सुकर्मा
सूर्योदय: सुबह 5:25
सूर्यास्त: शाम 7:12
अमावस्या तिथि समाप्ति: सुबह 8:31 तक
शनि जयंती: न्याय के देवता का जन्मोत्सव
शनि जयंती भगवान शनिदेव का जन्मदिन है। उन्हें कर्म और न्याय का देवता माना जाता है। आज के दिन काले तिल, काले वस्त्र, नीले फूल और तेल अर्पित कर उनकी पूजा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे शनि दोष शांत होते हैं।
पूजा विधि
- स्नान कर काले या नीले वस्त्र धारण करें।
- शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल, उड़द और नीले फूल अर्पित करें।
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शनि चालीसा और शनि व्रत कथा का पाठ करें।
- लोहे, काले वस्त्र, जूते, तिल और तेल का दान करें।
बड़ा मंगलवार: हनुमान जी की कृपा पाने का श्रेष्ठ अवसर
बड़े मंगलवार को व्रत, हनुमान चालीसा का पाठ और सुंदरकांड के पाठ से मानसिक और शारीरिक बल मिलता है। आज का दिन विशेष रूप से हनुमान भक्तों के लिए फलदायक है।
/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/27/jRVvX7uUzA0Ec6tGVEPL.jpg)
ज्येष्ठ अमावस्या: पितृ शांति का सर्वोत्तम दिन
ज्येष्ठ अमावस्या का दिन पितरों की शांति के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इस दिन दान, तर्पण और स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पूजा विधि
- गंगा स्नान करें या गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- सूर्य को अर्घ्य दें।
- तिल, कुश और जल से तर्पण करें।
- पिंडदान करें और पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं।
आज के विशेष योग और ग्रह स्थिति
चंद्रमा: कृतिका नक्षत्र में
नक्षत्र स्वामी: सूर्य
राशि स्वामी: मंगल और शुक्र
प्रतीक: भाला
शुभ मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 से दोपहर 12:46 तक
राहुकाल: दोपहर 3:45 से 5:28 तक
आज क्या न करें?
- तामसिक भोजन से परहेज करें।
- बाल और नाखून न काटें।
- क्रोध और अपशब्द से बचें।
- किसी का अपमान न करें।
- नेगेटिव सोच और विवाद से बचें।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से आज का दिन क्यों है खास?
ज्येष्ठ अमावस्या पर चंद्रमा अस्त होता है जिससे मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए यह समय अत्यंत अनुकूल होता है। यह दिन पितृ दोष, शनि दोष, कालसर्प योग और पूर्व जन्म के कर्म दोष को शांत करने का श्रेष्ठ समय है।
- शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं
- हनुमान मंदिर जाकर सिंदूर और गुड़ चढ़ाएं।
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं।
- गरीबों को काले वस्त्र, जूते या तिल का दान करें।
- मंत्र जाप व ध्यान से आत्मिक संतुलन पाएं।
क्या आप भी इस दिव्य संयोग में पूजन करेंगे? नीचे कमेंट कर अपनी राय जरूर दें।
sanatandharma | breaking news today |