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सुख-समृद्धि के लिए करें रविवार का व्रत, जानिए विधि और लाभ!

अग्नि पुराण में सूर्य देव को साक्षात ब्रह्म माना गया है, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करने वाले हैं। साथ ही सूर्य देव को इस चराचर जगत का पान करने वाला भी माना जाता है। इस दिन विशेष विधि से पूजा से मनोवांछित लाभ प्राप्त होता है।

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Mukesh Pandit
Sunday Vrat
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रविवार को भगवानभास्कर का दिन माना जाता है। अग्नि पुराण में सूर्य देव को साक्षात ब्रह्म माना गया है, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करने वाले हैं। साथ ही सूर्य देव को इस चराचर जगत का पान करने वाला भी माना जाता है। इस दिन विशेष विधि से पूजा से मनोवांछित लाभ प्राप्त होता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक) 29 जून को पड़ रही है। इस दिन सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे, वहीं चंद्रमा कर्क से सिंह राशि में प्रवेश करेगा। दृक पंचागानुसार 29 को चतुर्थी तिथि सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगी, फिर उसके बाद पंचमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा और 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा और राहु काल का समय 5 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।

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शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से करें शुरू

अग्नि और स्कंद पुराणों के अनुसार, रविवार के दिन व्रत रखने से सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से शुरू करना शुभ माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर करें  स्नान 

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व्रत शुरू करने के लिए आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, फिर सूर्य देव की पूजा करें, फिर व्रत कथा सुनें और उनकी पूजा करें। इसके बाद सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें लाल फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देने से विशेष लाभ मिलता है।

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें

इसके अलावा रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने, सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है। इन उपायों को करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।

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एक समय भोजन करें, जिसमें नमक का सेवन न करें। गरीबों को दान करें। रविवार के दिन काले या नीले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, बाल या दाढ़ी कटवाना, तेल मालिश करना और तांबे के बर्तन बेचना भी वर्जित माना गया है। व्रत का उद्यापन 12 व्रतों के बाद किया जाता है।

व्रत का संकल्प

रविवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान सूर्यदेव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें कि आप पूरे दिन व्रत रखेंगे।
सूर्यदेव को अर्घ्य: स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, लाल फूल और थोड़े चावल डालकर भगवान सूर्यदेव को 'ॐ सूर्याय नमः' या 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्घ्य दें।
पूजन: भगवान सूर्यदेव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत (चावल), धूप, दीप और नैवेद्य (गुड़ या गुड़ से बनी चीजें विशेष रूप से शुभ मानी जाती हैं) अर्पित करें।
कथा श्रवण/पठन: रविवार व्रत कथा का श्रवण करें या उसका पाठ करें।
व्रत का पालन: पूरे दिन फलाहार व्रत रखें। नमक का सेवन न करें। आप दूध, फल और पानी का सेवन कर सकते हैं। कुछ भक्त एक समय का भोजन भी करते हैं, जिसमें नमक का प्रयोग नहीं होता।
दान: सामर्थ्य अनुसार गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र, तांबा आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
पारणा: शाम को सूर्यास्त से पहले या सूर्यास्त के बाद कथा सुनकर और सूर्यदेव को प्रणाम करके व्रत का पारण करें। पारण के लिए नमक रहित भोजन जैसे गुड़ और रोटी या दलिया का सेवन कर सकते हैं।  hindufestival | hindu festival | hindu god | hindu guru 
आईएएनएस

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