महाकुंभनगर, वाईबीएन नेटवर्क।
24 और 25 फरवरी को महाकुंभ मेला प्रशासन तीन नए विश्व कीर्तिमान बनाने जा रहा है। खास यह कि मेला प्रशासन तीनों अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ेगा जो कुंभ 2019 में बनाए गए थे। मेला प्रशासन की ओर से महाकुंभ में चार विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना बनाई गई है। इनमें से नदी स्वच्छता का रिकॉर्ड 14 फरवरी को बन चुका है। उस दिन 300 से अधिक स्वच्छता कर्मियों ने एक साथ नदी की सफाई करने का रिकॉर्ड बनाया था। इधर महाकुंभ के समापन में पाँच दिन का ही समय बचा है। लेकिन श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं या रही है। मेला प्रशासन का दावा है कि अब तक 58 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
बनेंगे तीन नए कीर्तिमान
आस्था के सैलाब के बीच 24 और 25 फरवरी को महाकुंभ में तीन नए विश्व कीर्तिमान बनेंगे। खास यह कि मेला प्रशासन तीनों अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ेगा जो कुंभ 2019 में बनाए गए थे। मेला प्रशासन की ओर से महाकुंभ में चार विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना बनाई गई है। इनमें से नदी स्वच्छता का रिकॉर्ड 14 फरवरी को बन चुका है। उस दिन से 300 से अधिक स्वच्छता कर्मियों ने एक साथ नदी की सफाई करने का रिकॉर्ड बनाया था।
ये बनेंगे रिकॉर्ड
26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान के साथ महाकुंभ का भी समापन हो जाएगा। ऐसे में इससे पहले ही रिकॉर्ड बनाए जाने की योजना बनाई गई है। इसके तहत 24 फरवरी को स्वच्छता का रिकॉर्ड बनाया जाएगा। मेला प्रशासन की ओर से 2019 कुंभ में 10 हजार सफाई कर्मियों को एक साथ सड़क पर उतारकर स्वच्छता का रिकॉर्ड बनाया गया था। इस बार इसी रिकॉर्ड को तोड़ा जाएगा। 24 फरवरी को 15 हजार स्वच्छता कर्मचारी एक साथ सफाई अभियान चलाएंगे। इसके अगले दिन फरवरी को हैंड प्रिंटिंग एवं शटल बस संचालन के रिकॉर्ड बनाए जाएंगे। इसके तहत गंगा पंडाल तथा अन्य प्रमुख स्थलों पर कैनवास लगाकर 10 हजार से अधिक लोगों के हैंड प्रिंट लिए जाएंगे। इसी दिन शटल बसों के संचालन का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। कुंभ में 500 बसों के संचालन का रिकॉर्ड बनाया गया था। वहीं इस बार साढ़े पांच सौ से अधिक शटल बसों के संचालन की योजना बनाई गई है। इसके लिए परिवहन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
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58 करोड़ के पार पहुंची स्नानार्थियों की संख्या
महाकुंभ और संगम के प्रति श्रद्धा अब भी उफान पर है। हर पग संगम की ओर चले आ रहे हैं। वहीं फाल्गुन महीने में भी लगातार छठे दिन त्रिवेणी तट पर पुण्य की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ पार कर गई। मेला प्रशासन का दावा है कि अब तक 58 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पतित पावनी गंगा में स्नान कर चुके हैं।
65 करोड़ पार कर सकती है संख्या
श्रद्धालुओं के आने का यही क्रम रहा तो अनुमान है कि महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या 65 करोड़ भी पार हो जाएगी। महाकुंभ का आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि फरवरी को हैं। पिछले तीन दिन से सवा करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान को आ रहे हैं। मेले के बचे छह दिनों में शनिवार और रविवार का अवकाश शामिल है। बचे हुए दिनों में रोजाना सवा करोड़ से भी अधिक लोगों के स्नान करने की उम्मीद है।
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