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गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है; इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ और व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में बुद्धि, वाणी और व्यापार में वृद्धि होती है। अग्नि पुराण के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति ने काशी में शिवलिंग की स्थापना और तपस्या का उल्लेख किया है, जिससे गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
गुरुवार के दिन व्रत रखने से धन-संपदा की प्राप्ति
अग्नि पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार गुरुवार के दिन व्रत रखने से धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू कर सकते हैं। व्रत 16 गुरुवार तक करना चाहिए। व्रत रखने के लिए इस दिन पीले वस्त्र धारण करने और पीले फल और पीले फूलों का दान करने से भी लाभ होता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को हल्दी चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस दिन विद्या की पूजा करने से भी ज्ञान में वृद्धि होती है। गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।
केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास
मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए गुरुवार के दिन केले के पत्ते की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत शुरू करने के लिए आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। फिर केले के वृक्ष की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। दीपक जलाएं और कथा सुनें और भगवान बृहस्पति भगवान की आरती करें। उसके बाद आरती का आचमन करें। इस दिन पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (दोपहर के 2 बजकर 6 मिनट तक) 3 जुलाई को पड़ रही है। इसी दिन सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे, वहीं चंद्रमा कन्या राशि से तुला में प्रवेश करेंगे। दृक पंचांगानुसार, 3 जुलाई को अष्टमी तिथि सुबह 2 बजकर 6 मिनट तक रहेगी, फिर उसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भाग्य चमक सकता है, धन-समृद्धि, सुख-शांति और करियर में तरक्की मिल सकती है। नीचे इस गुरुवार (3 जुलाई 2025) के लिए कुछ खास उपाय दिए गए हैं, जो आपकी किस्मत को जगा सकते हैं। ये उपाय ज्योतिषीय मान्यताओं और धार्मिक ग्रंथों पर आधारित हैं:
भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा:
सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4:00 AM - 5:30 AM) में स्नान करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं। पीले फूल (जैसे गेंदा या चमेली), चने की दाल, गुड़, और पके केले का भोग लगाएं। "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इससे धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
केले के पेड़ की पूजा:
मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। गुरुवार को केले के पेड़ की जड़ में दूध मिला हुआ जल चढ़ाएं। चने की दाल, गुड़, और मुनक्का अर्पित करें। पेड़ के सामने घी का दीपक जलाएं और "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें। यह उपाय विवाह, नौकरी, और आर्थिक बाधाओं को दूर करने में सहायक है। गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और माथे पर हल्दी या केसर का तिलक लगाएं। पीला रंग बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करता है।
पीले फल (जैसे केला, आम), पीले चावल, या हल्दी का दान करें। यह दान ब्राह्मणों, मंदिर, या जरूरतमंदों को करें।
तुलसी पूजन:
तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। जल में थोड़ा दूध मिलाना शुभ होता है। तुलसी की माला से "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। यह बृहस्पति और लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। स्नान के पानी में चुटकी भर हल्दी मिलाकर नहाएं। यह गुरु ग्रह को मजबूत करता है और नकारात्मकता दूर करता है। मंदिर में हल्दी की माला या हल्दी की गांठ दान करें। इससे व्यापार और नौकरी में लाभ होता है।
दान और पुण्य कार्य:
गुरुवार को चने की दाल, पीले वस्त्र, हल्दी, केसर, या धार्मिक पुस्तकें (जैसे भागवत गीता) दान करें। किसी गरीब या जरूरतमंद को अन्न (विशेष रूप से पीले रंग का भोजन, जैसे बेसन के लड्डू) और धन का दान करें। इससे पुण्य प्राप्त होता है और भाग्य प्रबल होता है।
पीपल के वृक्ष की पूजा:
पीपल के पेड़ की जड़ में दूध मिला हुआ जल चढ़ाएं। लोहे के पात्र का उपयोग करें। पेड़ के चारों ओर 7 परिक्रमा करें और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है और भाग्योदय में सहायक है। यदि संभव हो, तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से 16 गुरुवार तक व्रत शुरू करें। व्रत में पीले खाद्य पदार्थ (जैसे बेसन, पीले चावल) का सेवन करें। व्रत के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति की कथा सुनें और आरती करें। यह धन, समृद्धि, और संतान सुख देता है।
गुरुवार को क्या न करें:
बाल धोना या कटवाना: बाल, दाढ़ी, या नाखून काटने से गुरु ग्रह कमजोर हो सकता है, जिससे आर्थिक और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
कपड़े धोना: विशेष रूप से महिलाओं को कपड़े धोने से बचना चाहिए, क्योंकि यह गुरु ग्रह और लक्ष्मी जी को नाराज कर सकता है।
नुकीली वस्तुएं खरीदना: चाकू, कैंची, या लोहे का सामान न खरीदें।
उधार देना या लेना: इससे आर्थिक तंगी बढ़ सकती है।
अनादर: गुरु, पिता, या बुजुर्गों का अनादर न करें।
नमक और केला खाना: ऊपर से नमक डालकर भोजन न करें और केला खाने से बचें।
INPUT: आईएएनएस