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16 April 2025 Ka Panchang: संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत प्रत्येक चंद्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। 'संकष्टी' शब्द का अर्थ है 'कठिन समय से मुक्ति' और चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता यानी सभी बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है। इसीलिए, संकष्टी चतुर्थी का व्रत जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियों और संकटों को दूर करने के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। इस दिन, भक्तगण भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं। शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही यह व्रत खोला जाता है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत विशेष रूप से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बहुत लोकप्रिय है, लेकिन उत्तर भारत में भी इसे श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व:
विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है और वे सभी प्रकार की बाधाओं और संकटों को दूर करने वाले हैं। इस व्रत को करने से भक्तों के जीवन में आने वाली परेशानियां, चाहे वे व्यक्तिगत हों, पारिवारिक हों या व्यावसायिक, दूर होती हैं। मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जो किसी विशेष कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं या किसी समस्या का समाधान ढूंढ रहे हैं। ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति: ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी संकष्टी चतुर्थी का व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। यह व्रत परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सद्भाव बढ़ाता है। इसे सामूहिक रूप से करने से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत की विधि:
संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने की एक विशेष विधि है जिसका पालन करना शुभ माना जाता है: व्रत का संकल्प: प्रातः काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान गणेश के समक्ष व्रत का संकल्प लें। पूजा की तैयारी: पूजा स्थल को साफ करें और भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें लाल फूल, दूर्वा घास, मोदक, फल और धूप-दीप अर्पित करें। पूरे दिन निराहार रहें। यदि शारीरिक रूप से असमर्थ हों तो फलाहार कर सकते हैं, जिसमें फल, दूध और मेवे शामिल होते हैं। अनाज और नमक का सेवन इस दिन वर्जित होता है।
गणेश मंत्रों का जाप:
दिनभर भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें, जैसे "ॐ गं गणपतये नमः" या "ॐ वक्रतुण्डाय हुं"।
कथा श्रवण: शाम को चंद्रमा के दर्शन से पहले भगवान गणेश की संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
चंद्र दर्शन और पूजा: शाम को चंद्रमा के दर्शन करें और चंद्रमा की पूजा करें। उन्हें अर्घ्य दें।
व्रत का पारण: चंद्रमा के दर्शन के बाद भगवान गणेश को अर्पित किए गए प्रसाद से अपना व्रत खोलें।
प्रत्येक चंद्र मास में संकष्टी चतुर्थी की तिथि और शुभ मुहूर्त अलग-अलग होते हैं। वर्तमान समय के अनुसार, वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी आज, मंगलवार, 15 अप्रैल 2025 को है।चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 14 अप्रैल 2025 को शाम 06:27 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 15 अप्रैल 2025 को शाम 07:50 बजे
चूंकि संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्रमा के दर्शन के बाद खोला जाता है, इसलिए आज शाम को चंद्रोदय का समय महत्वपूर्ण होगा। नोएडा, उत्तर प्रदेश, भारत के लिए आज (15 अप्रैल 2025) चंद्रोदय का संभावित समय लगभग रात 08:30 बजे है। भक्तगण आज शाम को चंद्र दर्शन के बाद भगवान गणेश की पूजा करके अपना व्रत खोल सकते हैं।
16 अप्रैल 2025 का शुभ मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने और जीवन के सभी कष्टों को दूर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस व्रत को विधि-विधान से करने और भगवान गणेश की श्रद्धापूर्वक आराधना करने से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 16 अप्रैल को वैशाख कृष्ण पक्ष की उदया तृतीया और बुधवार का दिन है। तृतीया तिथि बुधवार दोपहर 1 बजकर 18 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी।16 अप्रैल को पूरे दिन और पूरी रात सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है। साथ ही बुधवार को पूरा दिन, पूरी रात पार कर गुरुवार सुबह 5 बजकर 55 मिनट तक अनुराधा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा 16 अप्रैल को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। hindu religion | hindi religious hindi religious festion
16 अप्रैल 2025 का शुभ मुहूर्त
वैशाख कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि- 16 अप्रैल 2025 को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी
सर्वार्थ सिद्धि योग- 16 अप्रैल को पूरे दिन और पूरी रात
अनुराधा नक्षत्र- 16 अप्रैल 2025 को पूरा दिन, पूरी रात पार कर गुरुवार सुबह 5 बजकर 55 मिनट तक
16 अप्रैल व्रत-त्यौहार- संकष्टी चतुर्थी व्रत
राहुकाल का समय
दिल्ली- दोपहर 12:07 - 01:43 तक
मुंबई- दोपहर 12:39 - 02:13 तक
चंडीगढ़- दोपहर 12:23 - 02:00 तक
लखनऊ- दोपहर 12:07 - 01:42 तक
भोपाल- दोपहर 12:20 - 01:56 तक
कोलकाता- दोपहर पहले 11:37 - 01:12 तक
अहमदाबाद- दोपहर 12:40 - 02:15 तक
चेन्नई- दोपहर 12:09 - 01:42 तक
सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय- सुबह 5:54 am
सूर्यास्त- शाम 6:47 pm
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