नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड (NBEMS) 15 जून, 2025 को कंप्यूटर आधारित प्रारूप में दो पालियों में नीट पीजी 2025 परीक्षा आयोजित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि, चिकित्सा प्राधिकरण के इस तरह से परीक्षा आयोजित करने के निर्णय ने ऑनलाइन विवाद खड़ा कर दिया है।
राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड ने की यह घोषणा
राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) ने घोषणा की है कि नीट पीजी 2025 परीक्षा 15 जून, 2025 को कंप्यूटर आधारित प्रारूप में दो पालियों में आयोजित की जाएगी। हालांकि, चिकित्सा प्राधिकरण के इस तरह से परीक्षा आयोजित करने के निर्णय ने ऑनलाइन विवाद खड़ा कर दिया है। कई उम्मीदवारों, डॉक्टरों और चिकित्सा कार्यकर्ताओं ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सामान्यीकरण प्रक्रिया और परीक्षा की निष्पक्षता के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है।
एक डॉक्टर ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए इसे त्रुटिपूर्ण बताया। उन्होंने लिखा, "एनबीईएमएस ने 2024 में सामान्यीकरण की गड़बड़ी के बावजूद #नीटपीजी 2025 को दो पालियों में आयोजित करने की घोषणा की है! इससे अनुचित स्कोरिंग, कानूनी विवाद और उम्मीदवार की चिंता होती है—वही गलतियां क्यों दोहराई जाएं?" ट्वीट में यह भी बताया गया कि यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) ने आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखा है, जिसमें नीट-पीजी 2025 को एक ही पाली में आयोजित करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है।
इस बीच, एक अन्य डॉक्टर ने टिप्पणी की कि जो सरकार एक राष्ट्र एक चुनाव करा सकती है, उसे एक राष्ट्र एक परीक्षा भी करानी चाहिए।
डॉक्टर्स बोले, नीटपीजी परीक्षा का दो पालियों में अस्वीकार्य
एक अन्य डॉक्टर ने ट्वीट किया कि नीटपीजी परीक्षा का दो पालियों में आयोजित होना बिल्कुल अस्वीकार्य है। "पिछले साल, हमने छात्रों के कड़े विरोध, कई अदालती मामलों और अंकों के सामान्यीकरण में कथित कदाचार देखे। @FAIMA_INDIA_ #neetpg2025 को दो पालियों में आयोजित करने के विचार के सख्त खिलाफ है। हम @JPNadda @MoHFW_INDIA @narendramodi @PMOIndia से नीट पीजी को एक पाली में आयोजित करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि कोई भी प्रतिरोध परीक्षा के सुचारू संचालन में बाधा न डाले! यह निराशाजनक है कि @NbeIndia ने ऐसा नोटिस जारी किया!"
चौथे डॉक्टर ने ट्वीट किया कि एनबीईएमएस के लिए 2 से 3 लाख छात्रों के लिए परीक्षा को एक ही पाली में आयोजित न करना शर्मनाक है।
एक अन्य ने लिखा, "परीक्षा #नीट-पीजी 2025 एक ही पाली में होनी चाहिए, और सरकार को परीक्षा के संचालन और परिणाम प्रकाशन में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए, परीक्षा के बाद प्रश्न और सही उत्तर प्रदान करके। @MoHFW_INDIA @NMC_IND @JPNadda @DghsIndia @PMOIndia #नीटपीजी के लिए #एनबीईएमएस द्वारा दो पाली की परीक्षाओं को रोका जाना चाहिए।"
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ये हैं विवाद के मुख्य बिंदु
सामान्यीकरण प्रक्रिया: दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से अंकों के सामान्यीकरण में जटिलताएं आती हैं, जिससे उम्मीदवारों के बीच असमानता और असंतोष पैदा होता है।
न्यायिक विवाद: पिछले वर्षों में दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से कई अदालती मामले सामने आए हैं, जिससे परीक्षा प्रक्रिया में देरी और अनिश्चितता उत्पन्न होती है।
मानसिक तनाव: दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से उम्मीदवारों में मानसिक तनाव और चिंता बढ़ती है।
एक राष्ट्र एक परीक्षा की मांग: चिकित्सा अभ्यर्थी 'एक राष्ट्र एक परीक्षा' की नीति का समर्थन करते हैं, जिससे परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
ये हैं मेडिकल अभ्यर्थियों की मांगें
- नीट पीजी 2025 परीक्षा को एक ही पाली में आयोजित किया जाए।
- परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र और सही उत्तर कुंजी जारी की जाए।
- परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए।
- यह विवाद चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है, और यह देखना होगा कि सरकार और एनबीईएमएस इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।