Advertisment

Kanpur News : जिलाधिकारी की सख्त चेतावनी, अगर आदेशों का स्कूलों ने नहीं किया पालन तो मान्यता होगी रद्द

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक कर डीआईओएस सहित सभी उपजिलाधिकारी व  शुल्क नियामक समिति को आदेश दिया है कि अगर स्कूल आदेशों की आवेलना करें तो कठोर कार्यवाही करें।

author-image
Abhishek kumar
कानपुर में निजी स्कूलों की मनमानी जारी है।

स्कूलों की मनमानी को लेकर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक में दिशा निर्देश जारी किए। Photograph: (फोटो- वाईबीएन)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

कानपुर, वाईबीएन संवाददाता

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक कर डीआईओएस सहित सभी उपजिलाधिकारी व  शुल्क नियामक समिति को आदेश दिया है कि अगर स्कूल मनमानी करें या आदेशों की आवेलना करें तो कठोर कार्यवाही करें। किसी भी क़ीमत पर मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं नोटिस के बाद स्कूलों से आए जवाब से असंतुष्ट दिखे जिलाधिकारियों ने आदेशों का पालन न होने पर स्कूलों को मान्यता रद करने की चेतावनी तक दी है।

इन स्कूलों ने नहीं दिया नोटिस का जवाब

जिलाधिकारी व सीमित की बैठक में उपस्थित होकर अभिभावक श्री रजनीश उर्फ नीरज लोहिया निवासी 851 एल०आई०जी० ए- गुजैनी ने बताया था कि उनकी पुत्री कक्षा 08 में एक्मे पब्लिक स्कूल, गुजैनी, पढ़ती है विद्यालय द्वारा अत्यधिक शुल्क लिये जाने और फेयरडील बुक सेलर एण्ड स्टेशनरी, गोविन्द नगर से कॉपी और किताबे अधिक मूल्य में खरीदने की शिकायत की गयी थी, उक्त के अतिरिक्त समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय), सह जिला विद्यालय निरीक्षक, द्वारा निर्गत नोटिस के दिया गया था नोटिस का जवाब संतोषजनक न पाये जाने पर कई और स्कूलों को नोटिस जारी किया गया। और सभी हिदायत दी की अगर मनमानी तरीके से काफी किताबें में वसूली की गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी की निगाहे टेढ़ीं

जिलाधिकारी द्वारा शहर के एक्मे पब्लिक स्कूल, गुजैनी, ऐनएलके इण्टर कालेज, अशोक नगर, ऐनएल के पब्लिक स्कूल, जवाहर नगर, एसजे विद्या निकेतन इण्टर कालेज, नौबस्ता, वेण्डी ऐकेडमी हाईस्कूल, साकेत नगर और चिन्टल्स स्कूल, 121 एचआईजी रतनलाल नगर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। नोटिस के जवाब में विद्यालय प्रबंधन ने कहा कि नोटिस पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। छात्रों से ना तो गलत फीस वसूली जा रही है और ना ही उन्हें किताब अथवा कॉपी किसी चुनिंदा दुकान से खरीदने की को बाध्य किया जाता है। विद्यालयों के उक्त जवाब से जिलाधिकारी संतुष्ट नहीं दिखे। फटकार लगाते हुए कहा कि अगर स्कूलों में मनमानी नहीं चली तो शिकायत कैसे आई। जिलाधिकारी ने आदेशित किया कि दोबारा शिकायत मिली तो कठोर कार्यावही के साथ स्कूलों की मन्यता भी रद्द होगी।

 बैठक में दिए सख्त दिशा निर्देश

समिति की बैठक में जिलाधिकारी जितेंन्द्र प्रताप सिंह ने सख्त निर्देश दिए कि 5 वर्षों में जितने स्कूलों ने बच्चों की यूनिफॉर्म बदलवायी है, उनकी लिस्ट बनाते हुए उन पर कार्यावही के आदेश दिए गए है,  जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को मनमानी फीस वसूलने और बच्चों के आर्थिक शोषण करने वाले स्कूलों की सूची बनाकर पेश करते कहा की इन सभी पर कार्यावही कर इनकी मन्यता भी समाप्त करें।

यह है नियम और क़ानून

Advertisment

उप्र स्ववित्तपोषित स्वतंत्र (शुल्क निर्धारण) अध्यादेश-2018 की बिन्दु संख्या 10 में उल्लिखित किसी छात्र को पुस्तकें, जूते, मोजे व यूनिफार्म आदि किसी विशेष दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य नही किये जाने का उल्लंधन माना जाता है अर्थ दंड के साथ-साथ अन्य आवश्यक कार्रवाई करना समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है।

Kanpur News
Advertisment
Advertisment