कानपुर, वाईबीएन संवाददाता
आईआईटी कानपुर के सी3 आईहब ने साइबर कमांडो तैयार किए हैं, जो देश में साइबर सुरक्षा के लिए काम करेंगे। गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के सहयोग से साइबर कमांडो का पहला बैच तैयार किया गया है। इस पहले बैच को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) के C3iHub ने प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कराया है। छह महीने के रेज़िडेंशियल साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन समारोह आईआईटी कानपुर के नोएडा आउटरीच सेंटर में हुआ। यह पहल कानून प्रवर्तन एजेंसियों के भीतर साइबर सुरक्षा क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है।
सुरक्षा पर भी निर्भर है डिजिटल भविष्य
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मनींद्र अग्रवाल ने कहा है कि भारत का डिजिटल भविष्य केवल नवाचार पर नहीं, बल्कि सुरक्षा पर भी निर्भर करता है। साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम रणनीतिक राष्ट्रीय पहल है। इसका उद्देश्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों में साइबर प्रशिक्षित कर्मियों का एक समर्पित समूह तैयार करना है। ये साइबर कमांडो साइबर अपराधों की जांच, डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा और देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे। पहले बैच की सफलतापूर्वक समाप्ति के साथ, भविष्य के बैचों के लिए सुदृढ़ आधार तैयार हो चुका है, जो डिजिटल युग में कानून प्रवर्तन की क्षमताओं को और सशक्त बनाएगा।
प्रशिक्षण में शामिल रहे ये प्रमुख विषय
प्रशिक्षण में साइबर डिफेंस, एथिकल हैकिंग, डिजिटल फॉरेंसिक, पेनिट्रेशन टेस्टिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। साथ ही हार्डवेयर सुरक्षा, ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी, और IoT सुरक्षा पर विशेष बूटकैंप आयोजित किए गए। इसके साथ ही उद्योग विशेषज्ञों के व्याख्यान और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, CERT-In और CSIRT Power जैसे संस्थानों के क्षेत्रीय भ्रमण भी शामिल थे। सभी प्रतिभागी अधिकारियों को EC-Council से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट मिले हैं, जिनमें सर्टिफाइड एथिकल हैकर (CEH), कंप्यूटर हैकिंग फॉरेंसिक इन्वेस्टीगेटर (CHFI) और सर्टिफाइड थ्रेट इंटेलिजेंस एनालिस्ट (CTIA) भी शामिल हैं। साइबर कमांडो प्रशिक्षण में देश के विभिन्न राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों से कुल 36 अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।