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Initiative: किचन गार्डन से पोषण की ओर एक सार्थक पहल...

गाजियाबाद जिला प्रशासन ने एक शानदार पहल शुरू की है. जिसके अंतर्गत विभिन्न सरकारी विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाई के साथ कृषि के गुण भी सिखाए जा रहे हैं। यह एक ही शानदार प्रयास है।

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Syed Ali Mehndi
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

गाजियाबाद नगर क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय, पप्पू कॉलोनी में आज मध्याह्न भोजन (MDM) के अंतर्गत बच्चों को पालक मिश्रित दाल परोसी गई। यह विशेष पहल विद्यालय में विकसित किचन गार्डन के माध्यम से संभव हो सकी, जहाँ शिक्षक और छात्रों ने मिलकर पौष्टिक आहार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।विद्यालयों में सर्दी में उगने वाली सब्जी जैसे मेथी,पालक,सरसों,धनिया,गोभी,सलाद पत्ता,बाकचोय,बंद गोभी,टमाटर,मिर्च उगाई ।

विकास भवन और शिक्षा विभाग का सामूहिक प्रयास

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विद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने मिलकर किचन गार्डन में उगाई गई ताजा पालक की पत्तियां तोड़ीं, जिन्हें एमडीएम के भोजन में शामिल किया गया। इस सामूहिक प्रयास से बच्चों को न केवल संतुलित और पोषणयुक्त आहार प्राप्त हुआ, बल्कि उन्होंने किचन गार्डनिंग और जैविक खेती के महत्व को भी समझा। विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों की इस पहल से बच्चों को स्वस्थ एवं प्राकृतिक आहार प्रदान करने का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है। आगे भी इस तरह के प्रयासों से विद्यालय में उगाई गई हरी सब्जियों को मध्याह्न भोजन में शामिल किया जाएगा, जिससे बच्चों को बेहतर पोषण मिल सके।

शिक्षक-छात्रों का सराहनीय योगदान

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इस प्रयास में विशेष रूप से विद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने योगदान दिया, जिन्होंने मिलकर पालक की ताजा पत्तियां एकत्रित कीं और एमडीएम में शामिल करने के लिए तैयार कीं। यह पहल बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करने का एक अनूठा उदाहरण है। इस कार्य में शिववती पांडे (कंपोजिट विद्यालय, पप्पू कॉलोनी, नगर क्षेत्र, गाजियाबाद) के साथ-साथ प्रीति सक्सेना (प्राथमिक विद्यालय, सिहानी) एवं ममता शर्मा (प्राथमिक विद्यालय, सदरपुर 2) ने भी अपने विद्यालय में कार्य को सफलता पूर्वक सम्पन्न किया। इन शिक्षकों की सकारात्मक सोच एवं समर्पण ने बच्चों को स्वस्थ आहार एवं प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गौरतला में किस तरह की पहल निश्चित रूप से जहां एक और स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक नजरिया अपना आती है वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों में भी कृषि जैसी मूलभूत कार्य करने को उत्साहित करती हैं.

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