नई दिल्ली, वाईबीएन। दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र से राजधानी के 257 सरकारी स्कूलों में कौशल और एनएसक्यूएफ (नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क) आधारित विषयों को लागू करने की अनुमति दे दी है। इसका उद्देश्य छात्रों को अकादमिक ज्ञान के साथ ही व्यावहारिक कौशल और रोजगार के लिए जरूरी प्रशिक्षण भी देना है।
नौवीं और 11वीं के छात्रों को मिलेगा कौशल विषयों का विकल्प
अब नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्र विभिन्न कौशल आधारित विषयों में प्रवेश ले सकेंगे। हर स्कूल हर कौशल विषय में कम से कम 50 छात्रों को शामिल करेंगे।
कौशल विषयों का चुनाव अनिवार्य नहीं होगा
कौशल विषयों का चुनाव अनिवार्य नहीं होगा। स्कूल अपनी सुविधानुसार छात्रों को वैकल्पिक रूप से ये विषय चुनने का अवसर मुहैया कराएंगे। कौशल शिक्षा छात्रों के लिए ज्यादा सुलभ बनाने को ध्यान में रखकर इस पहल में फ्लेक्सिबल, मल्टी एंट्री और मल्टी एग्जिट पॉलिसी को भी शामिल किया गया है ।
11वीं में नए नामांकन की सुविधा
सीबीएसई के निर्देशों के अनुसार, जिन छात्रों ने नौवीं या 10वीं में कौशल विषय नहीं लिया है, वे भी 11वीं कक्षा में इन विषयों में दाखिला ले सकते हैं।
सीबीएसई की अलग से मंजूरी की आवश्यकता नहीं
कौशल आधारित विषयों को शुरू करने के लिए स्कूलों को सीबीएसई से अलग से कोई स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। संबंधित विषयों की जानकारी सीबीएसई पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य होगा।
छात्रों को दिया जाएगा व्यावसायिक प्रशिक्षण
इस योजना के तहत छात्रों को सूचना प्रौद्योगिकी, रिटेल, हेल्थकेयर, ब्यूटी और वेलनेस जैसे क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह खास तौर से छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने और उन्हें भविष्य के करियर के लिए तैयार करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।