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Gujrat University के प्रोफेसर पर Ladies Room में CCTV लगाने से पैसे लेने तक के गंभीर आरोप

गुजरात यूनिवर्सिटी के एक एसोसिएट प्रोफेसर प्रवेंदर पर गंभीर आरोप लगे हैं। लेडीज रूम में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखना, अटेंडेंस के लिए पैसे लेने, दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने और पैसे लेकर आंसरशीट घर ले जाने देने तक कई बड़े आरोप उनपर लगे हैं।

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Manish Tilokani
GUJARAT UNIVERCITY
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गुजरात, वाईबीएन नेटवर्क। 

गुजरात यूनिवर्सिटी के स्टेटिस्टिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी और एसोसिएट प्रोफेसर प्रवेंदर पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि प्रवेंदर कॉलेज के लेडीज रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी करते थे। उनपर "प्रवेंदर सर्विस टैक्स" (पीएसटी) के नाम पर विद्यार्थियों से पैसे लेने के आरोप है। वे गलत अटेंडेंस के लिए 1500 रुपये, इंटरनल मार्क्स के लिए 500 रुपये, वाईवा के लिए 500 रुपये और जर्नल में हस्ताक्षर के लिए पैसे लेते थे। इसके अलावा, विद्यार्थियों से आंसरशीट पर हस्ताक्षर करने और घर ले जाकर लिखने के लिए 500 रुपये लिए जाते थे। 

लड़कियों के रूम में सीसीटीवी

ऐसा दावा किया गया है कि एसोसिएट प्रोफेसर प्रवेंदर लेडीज रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी करते थे और कपड़े बदलने वाली लड़कियों के सीसीटीवी फुटेज देखते थे। उनपर कुछ लड़कियों के अंगों पर अति शर्मनाक टिप्पणी करने के भी आरोप हैं। 

इस तरह छात्रों से वसूलते थे पैसे

एसोसिएट प्रोफेसर प्रवेंदर पर आरोप है कि वो "प्रवेंदर सर्विस टैक्स" (पीएसटी) के नाम पर विद्यार्थियों से पैसे लेते थे। वे गलत अटेंडेंस के लिए 1500 रुपये, इंटरनल मार्क्स के लिए 500 रुपये, वाईवा के लिए 500 रुपये और जर्नल में हस्ताक्षर के लिए पैसे वसूलते थे। इसके अलावा, विद्यार्थियों से आंसरशीट पर हस्ताक्षर करने और घर ले जाकर लिखने के लिए 500 रुपये लिए जाते थे। कुछ मामलों में, स्कॉलरशिप और बोनाफाइड सर्टिफिकेट पर भी 500 रुपये लिए जाते थे। आरोप यह भी है कि पूरे सेमेस्टर में "कॉम्बो पैक" ऑफर के तहत 6,000 रुपये लेकर सब कुछ सेट किया जाता था। 

यूनिवर्सिटी का रिएक्शन

प्रोफेसर से इन आरोपों के बारे में पूछा गया है। हालांकि उन्होंने सभी आरोपों को नकार दिया है। उन्होंने इसे नकारते हुए कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उनका कहना था कि लेडीज रूम में सीसीटीवी पहले से ही लगे थे और उन्होंने कोई नया कैमरा नहीं लगाया। गुजरात यूनिवर्सिटी की कुलपति नीरजा गुप्ता ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि पत्र में शिकायतकर्ता की पहचान छिपाई गई है, जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि जांच कैसे की जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई विद्यार्थी इसके खिलाफ शिकायत करना चाहता है, तो वह सीधे आकर अपनी पहचान गुप्त रखवा कर निष्पक्ष जांच करवा सकता है। 

कुछ दिन पहले सामने आया था एक और मामला 

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हाल ही में गुजरात विश्वविद्यालय में कार्यरत एक अन्य एसोसिएट प्रोफेसर को एनिमेशन विभाग से 4.09 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। आरोपी की पहचान कमलजीत लखतारिया के रूप में हुई है। सेंटर फॉर प्रोफेशनल कोर्सेज (एनीमेशन) के एक मानचित्रकार ने शिक्षाविद पर कॉलेज के खातों से पैसे निकालने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की। 

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