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Teachers' Day 2025 : अमेरिका-रूस को भूल जाओ, इन 5 देशों का एजुकेशन सिस्टम है टॉप!

शिक्षक दिवस पर जानें दुनिया के 5 सबसे बेहतरीन एजुकेशन सिस्टम। फिनलैंड, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया और कनाडा ने शिक्षा के नए मानक तय किए हैं। रटने की बजाय ये देश बच्चों को सोचना सिखाते हैं। जानें क्यों इनका मॉडल US-रूस से बेहतर है?

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Ajit Kumar Pandey
शिक्षक दिवस 2025 : अमेरिका-रूस नहीं, दुनिया का बेस्ट एजुकेशन सिस्टम इन 5 देशों में है! | यंग भारत न्यूज

शिक्षक दिवस 2025 : अमेरिका-रूस नहीं, दुनिया का बेस्ट एजुकेशन सिस्टम इन 5 देशों में है! | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।शिक्षक दिवस के मौके पर अक्सर हम अपने गुरुओं को याद करते हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि दुनिया में सबसे बेहतरीन शिक्षा प्रणाली कहां है? ये जवाब आपको चौंका सकता है। अमेरिका और रूस जैसे ताकतवर देश नहीं बल्कि कुछ ऐसे राष्ट्र हैं जो चुपचाप शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं। ये देश सिर्फ़ स्कूल या यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि ऐसा माहौल तैयार कर रहे हैं, जहां बच्चों को रटना नहीं बल्कि सोचना सिखाया जाता है। 

ये 5 देश केवल डिग्री नहीं बल्कि इंसान को गढ़ने पर ध्यान देते हैं। शिक्षा— राष्ट्र की नींव का पत्थर किसी भी राष्ट्र की तरक्की और सामाजिक विकास का सबसे बड़ा पैमाना उसकी शिक्षा व्यवस्था है। इतिहास गवाह है कि जिन देशों ने शिक्षा को प्राथमिकता दी, उन्होंने हर क्षेत्र में तरक्की की। लेकिन, क्या शिक्षा का कोई एक ‘जादुई फॉर्मूला’ है? बिल्कुल नहीं। 

हर देश ने अपनी संस्कृति, समाज और ज़रूरतों के हिसाब से अपनी शिक्षा प्रणाली को ढाला है। कुछ ने ज्ञान पर जोर दिया, तो कुछ ने अनुशासन पर। कुछ ने तकनीक को अपनाया, तो कुछ ने नैतिकता को। पर इन सब में से कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने साबित कर दिया कि उनकी शिक्षा दुनिया में सबसे अलग और बेहतरीन है। 

आइए, शिक्षक दिवस के इस ख़ास मौके पर हम उन 5 देशों के बारे में जानें, जिनका एजुकेशन सिस्टम दुनिया में सबसे बेस्ट माना जाता है। कौन तय करता है कौन सा देश बेस्ट है? कोई भी देश रातोंरात शिक्षा में अव्वल नहीं बन जाता। इसके लिए कई तरह के अंतरराष्ट्रीय आकलन और रिपोर्ट सामने आती हैं, जिनसे पता चलता है कि किस देश की शिक्षा प्रणाली कितनी मजबूत है।

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PISA (Programme for International Student Assessment): हर तीन साल में होने वाला यह आकलन 15 साल के छात्रों की गणित, विज्ञान और पढ़ने की क्षमता को मापता है। इस रिपोर्ट में फ़िनलैंड, सिंगापुर, जापान और दक्षिण कोरिया लगातार टॉप पर रहते हैं। 

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम: इसकी ग्लोबल कॉम्पिटीटिवनेस रिपोर्ट शिक्षा की गुणवत्ता और स्किल डेवलपमेंट को बहुत महत्व देती है। इस मामले में सिंगापुर और फ़िनलैंड हमेशा आगे रहते हैं। 

यूनेस्को & यूनिसेफ रिपोर्ट: ये रिपोर्ट्स शिक्षा में समानता और गुणवत्ता पर ध्यान देती हैं। इनमें कनाडा को अक्सर समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सराहा जाता है। 

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क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: यह रैंकिंग उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता के आधार पर की जाती है। इसमें भी जापान, कनाडा और सिंगापुर का नाम अक्सर ऊपर होता है। 

इन रिपोर्ट्स और सूचकांकों के आधार पर हम दुनिया के उन टॉप-5 देशों पर नज़र डालते हैं, जिनका एजुकेशन सिस्टम वाकई सबसे बेहतर है।

ये 5 देश केवल डिग्री नहीं बल्कि इंसान गढ़ते हैं

1. फ़िनलैंड: जहां सीखना दबाव नहीं, आनंद है अगर आप दुनिया में सबसे खुशनुमा शिक्षा प्रणाली देखना चाहते हैं, तो फ़िनलैंड जाइए। यहां की शिक्षा का मूल मंत्र है— सीखना आनंददायक होना चाहिए, न कि बोझपूर्ण। 

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शिक्षक की अहमियत: यहां शिक्षक बनना कोई मामूली बात नहीं है। टीचर बनने के लिए मास्टर डिग्री ज़रूरी है और उनकी ट्रेनिंग के लिए अलग से यूनिवर्सिटी हैं। समाज में शिक्षकों को डॉक्टर और इंजीनियर से भी ज़्यादा सम्मान मिलता है। 

परीक्षा का डर नहीं: यहां वार्षिक परीक्षा का बहुत ज़्यादा बोझ नहीं होता। बच्चों को अंकों की दौड़ में नहीं धकेला जाता, बल्कि उन्हें एक-दूसरे का सहयोग करना सिखाया जाता है। 

व्यक्तिगत विकास पर जोर: यहां स्कूल का समय कम है और छुट्टियां ज़्यादा हैं। बच्चों को खेलने, सोचने और आराम करने का पर्याप्त समय मिलता है। रटने की बजाय उन्हें प्रश्न पूछने और खुद से समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। 

2. दक्षिण कोरिया: अनुशासन और तकनीक का अद्भुत संगम एशिया का यह देश अनुशासन और कड़ी मेहनत के लिए जाना जाता है। यहां शिक्षा को सीधे राष्ट्रीय विकास और करियर से जोड़ा गया है। 

कड़ी मेहनत और तकनीक: यहां के छात्र लंबे समय तक पढ़ाई करते हैं और कठोर परीक्षा प्रणाली से गुज़रते हैं। साथ ही, शिक्षा में तकनीक का भरपूर इस्तेमाल होता है। स्मार्ट क्लासरूम और ऑनलाइन लर्निंग यहां आम बात है। 

परिवार की भागीदारी: दक्षिण कोरिया में शिक्षा सिर्फ़ स्कूल की ज़िम्मेदारी नहीं है। माता-पिता भी बच्चों की पढ़ाई में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। यह सामूहिक प्रयास शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाता है। 

भविष्य की तैयारी: अंग्रेज़ी जैसी भाषाओं पर ज़ोर देकर यहां के छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाता है। इस कठोर और व्यवस्थित मॉडल ने दक्षिण कोरिया को तकनीक और आर्थिक महाशक्ति बनने में मदद की है। 

3. सिंगापुर: भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से पढ़ाई सिंगापुर ने शिक्षा को एक विज्ञान की तरह लिया है। यह एक छोटा सा देश है, जिसने अपनी शिक्षा प्रणाली को अपनी सबसे बड़ी ताकत बना लिया है। 

गहन प्रशिक्षण: यहां गणित, विज्ञान और तकनीकी विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे छात्र वैश्विक स्तर पर मजबूत बन सकें। 

भाषा का संतुलन: यहां अंग्रेज़ी के साथ-साथ अपनी मातृभाषा (चीनी, मलय या तमिल) की शिक्षा भी दी जाती है। इससे छात्रों में सांस्कृतिक संतुलन और वैश्विक समझ विकसित होती है। 

निरंतर मूल्यांकन: सिंगापुर में सिर्फ़ सालाना परीक्षा नहीं होती, बल्कि पूरे साल छात्रों का लगातार मूल्यांकन होता है। इससे उनकी कमजोरियों को समय रहते दूर किया जा सकता है। 

4. जापान: टीमवर्क और नैतिकता का पाठ जापान की शिक्षा व्यवस्था सिर्फ़ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है। यहां बच्चों को बचपन से ही नैतिक मूल्य, अनुशासन और टीम भावना सिखाई जाती है। 

नैतिकता और जिम्मेदारी: जापान में कम उम्र से ही बच्चों को समय की पाबंदी, स्वच्छता और अपनी जिम्मेदारियों को समझना सिखाया जाता है। वे सिर्फ़ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए काम करते हैं। 

सामूहिक प्रयास: क्लासरूम में समूह गतिविधियों और सामूहिक चर्चा पर जोर दिया जाता है। इससे बच्चों में टीमवर्क और सहयोग की भावना बढ़ती है। 

साक्षरता दर: जापान की साक्षरता दर लगभग 100% है, जो उसकी शिक्षा प्रणाली की सफलता का सबसे बड़ा सबूत है। यहां विज्ञान के साथ-साथ नैतिक मूल्यों पर भी बराबर ध्यान दिया जाता है। 

5. कनाडा: विविधता में एकता का प्रतीक कनाडा शिक्षा के क्षेत्र में लगातार उच्च रैंकिंग हासिल करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है- समावेशिता। 

सभी के लिए समान अवसर: कनाडा में प्रवासी और अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों को समान अवसर दिए जाते हैं। यह देश शिक्षा पर बहुत ज़्यादा खर्च करता है, जिससे सभी को बेहतरीन स्कूल और यूनिवर्सिटी मिल सकें। 

शोध और रचनात्मकता: यहां स्कूल स्तर से ही शोध और रचनात्मकता को बढ़ावा दिया जाता है। बच्चों को अपनी रुचि के हिसाब से पाठ्यक्रम चुनने की आज़ादी मिलती है, जिससे वे अपनी दिशा खुद तय कर सकें। 

डिजिटल तैयारी: कनाडा की शिक्षा प्रणाली बच्चों को डिजिटल युग के लिए तैयार करती है। यह स्वतंत्रता, समान अवसर और व्यावहारिक शिक्षा पर आधारित है, जो इसे दुनिया में खास बनाती है।

इन पांचों देशों की शिक्षा प्रणाली अलग-अलग है, लेकिन इनमें कुछ सामान्य खूबियां हैं। 

शिक्षक को सम्मान: हर जगह शिक्षक को बहुत ज़्यादा सम्मान और बेहतर ट्रेनिंग दी जाती है। 

व्यावहारिक शिक्षा: ये देश सिर्फ़ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि बच्चों की रचनात्मकता और प्रैक्टिकल शिक्षा पर ज़ोर देते हैं। 

तकनीक का उपयोग: आधुनिक तकनीक को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाया गया है। 

सामाजिक सहयोग: समाज और परिवार शिक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। फ़िनलैंड मानवीय दृष्टिकोण को महत्व देता है, दक्षिण कोरिया मेहनत को, जापान और सिंगापुर अनुशासन और तकनीक पर बल देते हैं, जबकि कनाडा बराबरी और समावेशिता को। 

ये सब हमें सिखाते हैं कि शिक्षा सिर्फ़ परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि एक बेहतर इंसान और समाज बनाना है। शिक्षक दिवस पर हमें अपने देश की शिक्षा प्रणाली पर भी सोचना चाहिए। 

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