नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अंग्रेजी भाषा की परीक्षा ‘टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज’ (TOEFL) में वर्ष 2026 से महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस (ETS) ने बताया कि TOEFL को अब एक व्यक्तिगत परीक्षण के रूप में पेश किया जाएगा। जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित पहचान सत्यापन की सुविधा शामिल होगी।
परीक्षा अब छात्र के वास्तविक समय प्रदर्शन के आधार पर होगी
ETS ने TOEFL और GRE जैसी परीक्षाएं विकसित और संचालित की हैं। संस्था ने बताया कि TOEFL परीक्षा को अधिक आधुनिक और व्यवहारिक बनाने के लिए कई बदलाव किए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ 30 मई 2025 से लागू होंगे, जबकि प्रमुख परिवर्तन 2026 से प्रभावी होंगे। ETS के अनुसार, TOEFL iBT (इंटरनेट आधारित टेस्ट) के रीडिंग और लिसनिंग सेक्शन को अब मल्टी-लेवल अडैप्टिव डिजाइन पर आधारित किया जाएगा। इसका अर्थ है कि परीक्षा अब छात्र के वास्तविक समय प्रदर्शन के आधार पर समायोजित की जाएगी। इससे यह बेहतर परखा जा सकेगा कि विद्यार्थी वास्तविक शैक्षणिक स्थितियों—जैसे समूह चर्चा और प्रोजेक्ट कार्य में अंग्रेजी का प्रयोग कैसे करते हैं।
विषयवस्तु को इस प्रकार तैयार किया जाएगा
ETS के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रोहित शर्मा ने बताया कि नई परीक्षा प्रणाली में प्रयुक्त विषयवस्तु को इस प्रकार तैयार किया जाएगा कि वह सांस्कृतिक पूर्वाग्रहों से मुक्त, सुलभ और प्रासंगिक हो। यह बदलाव TOEFL को वैश्विक छात्रों के लिए अधिक न्यायसंगत और उपयोगी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। TOEFL एक मानकीकृत परीक्षा है, जो अंग्रेजी भाषी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों की भाषा दक्षता को परखने के लिए ली जाती है।