एक्टर विनय पाठक अपनी नई फिल्म 'चिड़िया' की तैयारियों में जुटे हैं। उन्होंने अभिनेता बोमन ईरानी को लेकर आईएएनएस से बात की और बताया कि उन्होंने फिल्म 'खोसला का घोसला' के जरिए हिंदी सिनेमा में कदम रखा था, लेकिन लोग 'मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस.' को उनकी पहली हिंदी फिल्म मानते हैं। विनय ने इसके पीछे का कारण भी बताया।
'खोसला का घोसला' की रिलीज में देरी हुई थी
विनय ने कहा कि फिल्म वितरण में दिक्कतें आने के कारण 'खोसला का घोसला' की रिलीज में देरी हुई थी। यह फिल्म करीब 3 साल तक बंद पड़ी रही, इस दौरान बोमन ईरानी की फिल्म 'मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस.' रिलीज हो गई और इस तरह इस फिल्म को उनकी पहली फिल्म मानी जाती है।Bollywood | bollywood actress | bollywood movies | bollywood updates | bollywood
तीन साल तक नहीं हुई थी रिलीज
विनय पाठक ने 'खोसला का घोसला' में काम करने के अपने अनुभव के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "'खोसला का घोसला' की सबसे अच्छी बात यह थी कि मैं अपने दोस्तों के साथ काम कर रहा था। यह मुझे हर काम में सबसे ज्यादा खुशी देता है। उस वक्त रणवीर शौरी और मैं दोनों थे, फिर बोमन ईरानी भी आए। ये उनकी पहली फिल्म थी, लेकिन 'खोसला का घोसला' तीन साल तक रिलीज नहीं हुई, तब तक उनकी 'मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस.' रिलीज हो गई। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया और वे लोकप्रिय हो गए।"
दोनों फिल्में बड़ी हिट साबित हुईं
दिलचस्प बात यह है कि दोनों फिल्में 'खोसला का घोसला' और 'मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस.' बड़ी हिट साबित हुईं। ये दोनों फिल्में इंडस्ट्री की दुनिया में कदम रखने वाले निर्देशकों ने बनाई थीं। 'मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस.' के निर्देशक सुपरस्टार राजकुमार हिरानी थे, जबकि 'खोसला का घोसला' के निर्देशक दिबाकर बनर्जी थे, जो अपनी खास और अलग तरह की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। दोनों फिल्मों को नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स भी मिले और दोनों फिल्मों में बोमन ईरानी ने नकारात्मक या ग्रे शेड किरदार निभाया था। फिल्म 'चिड़िया' का निर्देशन मेहरान अमरोही ने किया है। यह 30 मई को थिएटर्स में रिलीज होगी। bollywood news