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कावेरी कपूर ने ‘फेम’, 'ओसीडी' जैसे मुद्दों पर खुलकर की बात

शेखर कपूर और सुचित्रा कृष्‍णमूर्ति की बेटी हैं कावेरी कपूर ने कहा कि जब लोग उनका संगीत सुनें या उनकी कविताएं पढ़ें तो उन्‍हें कुछ वास्‍तविक अनुभव हो। वह चाहती हैं कि फिल्‍मों में उनके किरदार से लोग स्‍वयं को जोड़ पाएं।

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Narendra Aniket
Kaveri Kapoor
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फिल्म निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर और गायिका-अभिनेत्री सुचित्रा कृष्णमूर्ति की बेटी कावेरी कपूर किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। अभिनय की दुनिया में डेब्यू करने के साथ ही वह लेखिका और गायिका भी हैं। कावेरी ने फेम या पहचान को लेकर अपनी राय रखी। इसके साथ ही उन्होंने ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) पर भी बात की। 

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मैं लोगों से खास रिश्‍ता कायम करना चाहती हूं

फिल्मों में आने से पहले ही कावेरी के चार संगीत वीडियोज भी रिलीज हो चुके हैं। जब उनसे उनकी प्रसिद्धि के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं कि जब लोग मेरा संगीत सुनें या मेरी कविताएं पढ़ें, तो उन्हें कुछ वास्तविक महसूस हो। मैं चाहती हूं कि वे फिल्मों में मेरे किरदार से खुद को जोड़ पाएं। मैं उन लोगों के साथ एक खास रिश्ता कायम करना चाहती हूं। लोग मेरे काम को देखें और सोचें कि ये मैं हूं और यही वह 'प्रसिद्धि' है, जिसे मैं पाना चाहती हूं।'
कावेरी का नजरिया काम को लेकर सरल है, जिसके दम पर उन्होंने अपने लिए रास्ता बनाया है।

ज्‍यादा चिंतन या विशेष मानसिक स्थितियां हैं ओसीडी का कारण

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इसके साथ ही कावेरी ने ओसीडी पर भी खुलकर बात की। उन्होंने बताया, 'यदि आप ओसीडी के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तो बता दूं कि यह ज्यादा चिंतन या विशेष मानसिक स्थितियों की वजह से होता है। इसमें एक ही विचार बार-बार मन में उठते हैं। मैं सोचती रहती हूं कि क्या मैंने लाइट बंद कर दी है या गीजर बंद कर दिया है? भले ही मुझे पता हो कि मैंने ऐसा कर रखा है, फिर भी मैं इसकी जांच करती रहती हूं और इसके बारे में चिंता करती रहती हूं।'

पॉजिटिव रह कर इसे भगाती हैं दूर

 इसके साथ ही कावेरी ने यह भी बताया कि वह इसे दूर कैसे भगाती हैं। उन्होंने बताया, 'मैं ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव रहने की कोशिश करती हूं और विचार आने पर अपना मन दूसरी चीजों पर लगाती हूं।'

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