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Shefali Jariwala: 'कांटा लगा' के खिलाफ थे पिता, मामूली फीस लेकर कैसे रातोंरात स्टार बनीं शेफाली?

मशहूर एक्ट्रेस और मॉडल शेफाली जरीवाला का 42 वर्ष की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। वे "कांटा लगा" गाने से रातोंरात मशहूर हुई थीं, हालांकि उनके पिता इस गाने में उनके काम करने के खिलाफ थे। इस गाने के लिए उन्हें बहुत कम फीस मिली थी।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क मशहूर एक्ट्रेस और मॉडल शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) का 42 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। उनके अचानक हुए निधन से मनोरंजन जगत और उनके प्रशंसकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है। शेफाली 'कांटा लगा' गाने से रातोंरात मशहूर हुईं थीं। हालांकि, उनके पिता इसके खिलाफ थे। शेफाली को कांटा लगा गाने में काम करने के लिए बेहद मामूली फीस मिली थी। 

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‘कांटा लगा’ से हुई थीं रातों-रात मशहूर

शेफाली को असली पहचान साल 2002 में रिलीज हुए रीमिक्स सॉन्ग ‘कांटा लगा’ से मिली थी। इस गाने के बाद वो एक पॉपुलर फेस बन गईं और उन्हें लोग 'कांटा लगा गर्ल' के नाम से जानने लगे। जब उन्हें ये गाना ऑफर हुआ था, तब वो केवल 20 साल की थीं और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं।

पिता थे गाने के खिलाफ

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शेफाली ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता सतीश जरीवाला इस गाने के खिलाफ थे। उन्हें गाने के बोल्ड कॉन्टेंट पर ऐतराज था। उनके मुताबिक, वो नहीं चाहते थे कि शेफाली ऐसे कपड़ों में नजर आएं, एडल्ट मैगजीन पढ़ें या डिस्कोथेक में दिखें। लेकिन शेफाली ने पहले अपनी मां को मनाया और फिर दोनों ने मिलकर उनके पिता को राज़ी किया।

पहली कमाई- सिर्फ 7000 रुपये

इस गाने के लिए शेफाली को सिर्फ 7,000 रुपये की फीस मिली थी, लेकिन इस गाने ने उनकी ज़िंदगी बदल दी। पढ़ाई पर ध्यान देने की पारिवारिक सलाह के बावजूद, शेफाली ने अपनी इच्छा के आगे किसी की नहीं सुनी और यही फैसला उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। शेफाली ने टीवी की दुनिया में भी नाम कमाया और ‘बिग बॉस 13’ का हिस्सा बनीं। उन्होंने साल 2024 में अभिनेता पारस त्यागी से दूसरी शादी की थी।

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‘जरीवाला’ सरनेम का मतलब क्या है?

बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि शेफाली के उपनाम ‘जरीवाला’ का क्या अर्थ है। दरअसल, यह कोई धर्म विशेष से जुड़ा उपनाम नहीं है। 'जरीवाला' उन परिवारों को दिया जाने वाला ट्रेडिशनल टाइटल है जो जरी (सोने-चांदी के तारों से की जाने वाली कढ़ाई) के काम से जुड़े रहे हैं। यह उपनाम हिंदू, मुस्लिम, पारसी या बोहरा समुदायों में समान रूप से देखने को मिलता है, खासकर उन लोगों में जिनके पूर्वज इस पेशे से जुड़े थे। शेफाली के पिता हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते हैं और व्यवसायी हैं। Shefali Jariwala Death 

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