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Entertenment: हॉलीवुड की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री जिसने झेला जीवन का सबसे बड़ा दुख

हॉलीवुड की अभिनेत्री जीन टियरनी इसका सटीक उदाहरण हैं। वह सितारा जिसे 1940 के दशक में 'हॉलीवुड की सबसे खूबसूरत महिला' का खिताब मिला, लेकिन उनकी निजी जिंदगी एक दर्दनाक कहानी बनकर रह गई।

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YBN News
Hollywood Tragedy

कभी-कभी चमकदारमुस्कान के पीछे सबसे गहरी उदासी छिपी होती है। हॉलीवुड की अभिनेत्री जीन टियरनी इसका सटीक उदाहरण हैं। वह सितारा जिसे 1940 के दशक में 'हॉलीवुड की सबसे खूबसूरत महिला' का खिताब मिला, लेकिन उनकी निजी जिंदगी एक दर्दनाक कहानी बनकर रह गई।जीन टियरनी का जन्म 19 नवंबर 1920 को ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क में हुआ था। बचपन से ही उनकी अदाएं और खूबसूरत आंखें आकर्षण का केंद्र रहीं। 1940 के दशक में उन्होंने फिल्मों में कदम रखा और जल्दी ही वह उस दौर की सबसे चर्चित अदाकारा बन गईं। 

उनकी फिल्म लौरा (1944) ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। वह रहस्यमयी सुंदरता का चेहरा बन गईं, एक ऐसी महिला जिसके चेहरे पर शांति थी लेकिन आंखों में रहस्य। इसके बाद 'लीव हर टू हेवन' और 'द गोस्ट एंड मिसेज म्यूर' जैसी फिल्मों ने उन्हें अभिनय के उच्च शिखर पर पहुंचा दिया।

सफलता के पीछे छिपी व्यक्तिगत त्रासदी 

लेकिन इस सफलता के पीछे एक ऐसी व्यक्तिगत त्रासदी छिपी थी जिसने उनकी आत्मा को भीतर से झकझोर दिया।साल था 1943 जब जीन गर्भवती थीं। उस समय वे सैनिकों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुईं, जहां एक प्रशंसक उनसे मिलने पहुंची। वह महिला रूबेला संक्रमित थी, लेकिन टियरनी को इसका पता नहीं था। संक्रमण उनके शरीर में फैल गया और कुछ महीनों बाद उनकी बेटी डारिया का जन्म हुआ, एक ऐसी बच्ची जो गंभीर मानसिक और शारीरिक विकलांगता के साथ दुनिया में आई।

अपनी बच्ची के दर्द से जूझती रहीं

डॉक्टरों ने बताया कि डारिया कभी सामान्य रूप से सुन या बोल नहीं सकेगी। यह खबर सुन जीन टियरनी के सिर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हॉलीवुड की रोशनी के बीच वह हर दिन अपनी बच्ची के दर्द से जूझती रहीं। उनका करियर चलता रहा, लेकिन वे भीतर से टूट चुकी थीं।

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मानसिक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा

धीरे-धीरे वो गहरे अवसाद में चली गईं। कई बार उन्हें मानसिक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और उन्होंने इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ईसीटी) जैसे दर्दनाक इलाज भी झेले। दर्द की दास्तां आत्मकथा 'सेल्फ पोट्रेट' (1979) में सुनाई दी। उन्होंने लिखा-"मैंने अपनी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल को एक ऐसे दुःस्वप्न में बदलते देखा, जिससे मैं कभी नहीं जाग पाई।"जीन टियरनी ने अपनी बेटी के लिए सब कुछ किया, लेकिन उस मातृत्व की खुशी को फिर कभी महसूस नहीं कर सकीं।

दुनिया से छिपकर बिताया जीवन 

1950 के दशक के बाद उन्होंने धीरे-धीरे फिल्मों से दूरी बना ली। हॉलीवुड से दूर उन्होंने दुनिया से छिपकर जीवन बिताना शुरू कर दिया।उनकी कहानी भी किसी फिल्मी कहानी की पटकथा से कम नहीं, जिसमें सुंदरता, प्रसिद्धि, और फिर मानसिक बीमारी की छाया में जीता एक अकेला जीवन दिखता है। 6 नवंबर 1991 को, 70 बरस की ये खूबसूरत अदाकारा दुनिया को अलविदा कह गईं।आईएएनएस

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