Advertisment

Jai Santoshi Maa : फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य- थिएटर में चप्पल उतारकर जाते थे दर्शक, स्क्रीन पर उछालते थे सिक्के

मां दुर्गा को समर्पित नवरात्र का पर्व रविवार से शुरू हो चुका है। आज भी लोग भक्ति भाव से ऐसी फिल्में देखते हैं। इस सूची में पहले नंबर पर आती है मां संतोषी और उनके भक्त के बीच खूबसूरत और चमत्कार से भरे रिश्तों को दिखाती फिल्म ‘जय संतोषी मां’। 

author-image
YBN News
एडिट
JAYSANTOSHIMAA

JAYSANTOSHIMAA Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Entertainment: मां दुर्गा को समर्पित नवरात्र का पर्व रविवार से शुरू हो चुका है। फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई फिल्में बनी हैं जिनमें नवदुर्गा के साथ ही उनके अन्य रूपों का शानदार अंदाज में वर्णन किया गया, जो न केवल टाइमलेस बन गईं बल्कि आज भी लोग भक्ति भाव से ऐसी फिल्में देखते हैं। इस सूची में पहले नंबर पर आती है मां संतोषी और उनके भक्त के बीच खूबसूरत और चमत्कार से भरे रिश्तों को दिखाती फिल्म ‘जय संतोषी मां’। 

Advertisment

 यह भी पढ़ें: Eid Festival: बॉलीवुड मेंं इस अंदाज में मनी ईद, फरदीन खान से शबाना आजमी तक ने दी मुबारकबाद 

फिल्म से जुड़े कुछ तथ्य काफी दिलचस्प

सिनेमाघरों में 15 अगस्त 1975 को उतरी ‘जय संतोषी मां’ के बारे में कई किस्से हैं। रिलीज के बाद से सिनेमाघर रौशन थे। परिवार के साथ लोग माता की गाथा को देखने के लिए पहुंचते थे। फिल्म से जुड़े कुछ तथ्य काफी दिलचस्प हैं।

Advertisment

 यह भी पढ़ें: L2 Empuraan : आलोचनाओं के बाद मोहनलाल ने मांगी माफी, बोले- 'दर्शकों का प्यार और विश्वास मेरी ताकत'

फिल्म को गायकों ने बनाया बड़ा हिट:

माना जाता है कि फिल्म को सुपरहिट करवाने में गायकों का बहुत बड़ा हाथ था। फिल्म का हर एक गाना सुपरहिट था। ‘मैं तो आरती उतारूं रे, संतोषी माता की’ भजन आने पर औरतें भक्ति में डूब जाती थीं। गायिका उषा मंगेशकर ने इस गाने को गाया था और सी. अर्जुन ने संगीत दिया था। सिलसिला यहीं नहीं रुका और आगे चलकर इसी गाने को मंदिरों में संतोषी माता की आरती के रूप में गाया जाने लगा। 

Advertisment

फिल्म के अन्य गानों पर नजर डालें तो 'जय जय संतोषी माता, जय जय मां', 'यहां-वहां जहां तहां देखूं', 'करती हूं व्रत तुम्हारा', 'मदद करो संतोषी माता' गाना भी शामिल है।

यह भी पढ़ें: ... तो शबाना आजमी अपनी इन आदतों के कारण इतनी एक्टिव और क्रिएटिव हैं

थिएटर में चप्पल उतार जाते थे लोग:

Advertisment

जानकारी के अनुसार, माता की लीला और चमत्कार से भरी फिल्म को देखने के लिए दर्शक थिएटर में प्रवेश करने से पहले चप्पल उतार देते थे और फिल्म शुरू होने से पहले हाथ में फूल, सिक्के लेकर बैठते थे और स्क्रीन पर माता के आने के तुरंत बाद सिक्के, माला-फूल उछालने लगते थे।

लागत से कई गुना मुनाफा करने में सफल थी फिल्म:

बता दें, फिल्म के बजट को लेकर तय आंकड़ा नहीं मिलता है, लेकिन यह साल 1975 में सबसे ज्यादा कमाई वाली दूसरी हिंदी फिल्म बन गई थी। पहले नंबर पर अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जया बच्चन, संजीव कुमार स्टारर ‘शोले’ थी।

यह भी पढ़ें: Breakup: तमन्ना भाटिया से ब्रेकअप के बाद विजय वर्मा ने रिलेशनशिप पर कही ऐसी बात 

Advertisment
Advertisment