Advertisment

Birthday: रोमांस के राजकुमार से बहुमुखी अभिनेता तक, वो हंसी-वो अंदाज़… हमेशा याद आएंगे ऋषि कपूर

ऋषि कपूर ने लगभग चार दशक तक हिंदी सिनेमा को यादगार फिल्में दीं। वे रणबीर कपूर के पिता थे और कपूर खानदान की तीसरी पीढ़ी के सफल अभिनेता रहे। उनकी फिल्में और उनका मुस्कुराता अंदाज़ हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

author-image
YBN News
Rishikapoor

Rishikapoor Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

 मुंबई। ऋषि कपूर एक ऐसे सितारें जिनकी जितनी तारीफ की जाए कम है। एक ऐसा दौर जब हर युवा उनके जैसा दिखना चाहता था और लड़कियां उनकी मुस्कान पर फिदा थीं। ऋषि कपूर ने लगभग चार दशक तक हिंदी सिनेमा को यादगार फिल्में दीं। उनके पिता राज कपूर हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े नामों में से एक थे। फिल्मों का माहौल उन्हें बचपन से ही मिला। वे रणबीर कपूर के पिता थे और कपूर खानदान की तीसरी पीढ़ी के सफल अभिनेता रहे। 30 अप्रैल 2020 को कैंसर से लंबी जंग के बाद उनका निधन हो गया। लेकिन उनकी फिल्में और उनका मुस्कुराता अंदाज़ हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

बाल कलाकार के रूप में हीं राष्ट्रीय पुरस्कार 

ऋषि कपूर का जन्म 4 सितंबर 1952 को मुंबई के मशहूर कपूर खानदान में हुआ। उनके पिता राज कपूर हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता-निर्देशक थे। फिल्मों का माहौल उन्हें बचपन से ही मिला और उन्होंने पहली बार पर्दे पर 1970 की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में बाल कलाकार के रूप में काम किया। इस किरदार के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।मुख्य अभिनेता के रूप में शुरुआत उन्होंने 1973 में फिल्म ‘बॉबी’ से की, जो सुपरहिट रही और उन्हें रातों-रात रोमांटिक हीरो बना दिया। 21 साल के ऋषि ने एक कॉलेज बॉय का किरदार निभाया और पूरे देश में रोमांस के नए पोस्टर बॉय बन गए। इसके बाद उन्होंने लगातार कई हिट रोमांटिक फिल्में दीं और 70-80 के दशक के सबसे लोकप्रिय सितारों में गिने गए। उनकी जोड़ी नीतू सिंह के साथ दर्शकों को बेहद पसंद आई, और बाद में उन्होंने नीतू सिंह से विवाह भी किया।

फैमिली पूरी हो गई

बता दें कि रिद्धिमा ऋषि की पहली संतान हैं। 1980 में उनका जन्म हुआ था। पिता के तौर पर ऋषि कपूर अपने बेटे रणबीर कपूर से थोड़े सख्त थे। उन्होंने खुद माना कि वह दोस्त जैसे पिता नहीं बन पाए। इस बात को भी उन्होंने दिल से स्वीकार किया और कहा कि रणबीर अपने बच्चों के साथ जरूर अलग तरीके से पेश आएगा। 'खुल्लम खुल्ला' में ऋषि ने बताया कि जब रिद्धिमा का जन्म हुआ तो वह और नीतू खुशी के चलते सातवें आसमान पर थे। बाद में रणबीर का जन्म हुआ और उनकी फैमिली पूरी हो गई।

करियर में दमदार अभिनय

करियर के दौरान उन्होंने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और हर भूमिका को बखूबी निभाया। रोमांस के अलावा उन्होंने गंभीर और नेगेटिव भूमिकाएं भी निभाईं। अग्निपथ (2012), और मुल्क (2018) में उनके दमदार अभिनय की खूब सराहना हुई। इसके बाद उन्होंने 'कर्ज', 'सरगम', 'प्रेम रोग', 'चांदनी', 'नगीना', 'नसीब', 'कुली', 'सागर' और 'अमर अकबर एंथोनी' जैसी कई हिट फिल्में दीं। 70 और 80 के दशक में वह सबसे व्यस्त और सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सितारों में शामिल थे। रोमांटिक हीरो की छवि से बाहर आकर भी उन्होंने कई किरदारों को निभाया। कभी वह खलनायक बने तो कभी कॉमेडियन। कपूर एंड सन्स (2016) '102 नॉट आउट' जैसी फिल्मों में उन्होंने उम्र के साथ खुद को फिर से साबित किया।

पूरी जिंदगी बदल दी

Advertisment

हालांकि बॉलीवुड कुछ चेहरे ऐसे होते हैं, जो सिनेमा से कहीं आगे हमारे दिलों में बस जाते हैं। फिल्मों के परदे से बाहर ऋषि कपूर की जिंदगी भी आम इंसानों जैसी ही थी, जिसमें प्यार, रिश्तों की गर्माहट और कुछ बुरी आदतें शामिल थीं। उनकी एक बुरी आदत थी सिगरेट पीना। वो चेन स्मोकर थे, पर एक दिन, एक मासूम सी बात ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी। यह बात ऋषि कपूर के दिल को गहराई से लगी और उन्होंने उसी दिन सिगरेट को हमेशा के लिए छोड़ दिया।वह सिर्फ बड़े पर्दे पर हीरो नहीं थे, अपने परिवार के लिए भी एक जिम्मेदार इंसान थे। उन्होंने इस बात को अपनी आत्मकथा 'खुल्लम खुल्ला' में भी बयां किया है, जिसे मीना अय्यर ने लिखा और हार्पर कॉलिन्स ने प्रकाशित किया। इसमें ऋषि कपूर ने अपने करियर से लेकर निजी जिंदगी तक के कई अनकहे पहलुओं पर खुलकर बात की।

किताब के जरिए ऋषि कपूर ने बताया, "मैं बहुत ज्यादा स्मोकिंग करता था, लेकिन मैंने तब सिगरेट छोड़ दी, जब उसने (बेटी ने) कहा, 'मुझसे आपको सुबह-सुबह किस नहीं होगा, क्योंकि आपके मुंह से बदबू आती है।' उस दिन के बाद से मैंने सिगरेट को हाथ नहीं लगाया।''

दुनिया को अलविदा

2018 में उन्हें कैंसर का पता चला और इलाज के लिए वह न्यूयॉर्क चले गए। लगभग एक साल इलाज के बाद जब वे भारत लौटे तो एक बार फिर फिल्मों में काम करने लगे। लेकिन, बीमारी ने उन्हें ज्यादा समय नहीं दिया। मालूम हो कि एक दिन वो बुरा दिन आया जो हम सबके जीवन में आता है जिसमें वो हम सबको छोड़ कर विदा हो गए उस जहां में जहां से कोई लौट कर नहीं आता है । 30 अप्रैल 2020 को ऋषि कपूर ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

(इनपुट-आईएएनएस)

Advertisment
Advertisment