/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/02/sunil-grover-actor-2025-08-02-17-29-38.jpg)
हर चमकते चेहरे केपीछे एक संघर्ष की कहानी छिपी होती है। सुनील ग्रोवर ने भी अपनी जिंदगी में कड़ी चुनौतियों को पार कर सफलता को हासिल किया है। आज वह डॉ. मशहूर गुलाटी, गुत्थी, और रिंकू भाभी जैसे यादगार किरदारों के जरिए करोड़ों लोगों को हंसाने वाले चेहरे बन चुके हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का रास्ता उतना आसान नहीं था, जितना स्क्रीन पर उनकी कॉमिक टाइमिंग को देखकर लगता है। सुनील ग्रोवर की सफलता की कहानी असल में एक ऐसे कलाकार की कहानी है, जिसे अपने करियर के शुरुआती दिनों में बार-बार रिजेक्ट किया गया, बावजूद इसके उसने कभी हार नहीं मानी।
बचपन से ही फिल्मों और एक्टिंग का शौक
3 अगस्त 1977 को हरियाणा के सिरसा जिले के छोटे से कस्बे में जन्मे सुनील को बचपन से ही फिल्मों और एक्टिंग का शौक था। वह अक्सर अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान की फिल्में देख कर खुद को पर्दे पर सोचते थे। धीरे-धीरे उनका रुझान थिएटर की ओर बढ़ा और उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से थिएटर में मास्टर्स की पढ़ाई की। इस दौरान कॉमेडियन जसपाल भट्टी की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने 'गुटुर गु' जैसे शुरुआती प्रोजेक्ट्स में उन्हें काम करने का मौका दिया। इसके बाद 1998 में अजय देवगन की फिल्म 'प्यार तो होना ही था' में छोटे रोल के जरिए उन्होंने फिल्मों में कदम रखा।
वॉयस ओवर या इवेंट के जरिए 500 रुपये मिलते थे
हालांकि, बॉलीवुड में शुरुआती दिनों में उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वह मुंबई आए, तो पॉश इलाके में एक घर किराए पर लिया, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें खुद पर पूरा विश्वास था कि एक दिन वो सफल जरूर होंगे। शुरुआती दिनों में उन्हें वॉयस ओवर या इवेंट के जरिए 500 रुपये मिलते थे।
टीवी शो में छोटे रोल्स के लिए ऑडिशन दिए
रोजगार के लिए सुनील ने टीवी शो में छोटे रोल्स के लिए ऑडिशन देने शुरू किए। उन्होंने एक नहीं, दर्जनों बार कोशिशें कीं, लेकिन हर बार उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। किसी शो में उनकी जगह कोई और ले लिया गया, तो किसी में स्क्रीन टेस्ट पास करने के बावजूद उन्हें आखिरी समय में रिप्लेस कर दिया गया। यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह एक टीवी शो के लिए सिलेक्ट हो गए थे, लेकिन सेट पर समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण प्रोड्यूसर ने उन्हें निकाल दिया। उस दिन उन्होंने पहली बार महसूस किया, 'मुंबई में मेरे जैसे हजारों लोग हैं, लेकिन टिकता वही है जो गिरने के बाद उठता है।'
रेडियो मिर्ची पर 'हंसी के फव्वारे' नामक शो किरदार निभाया
इसी दौर में सुनील ने रेडियो का रुख किया। रेडियो मिर्ची पर 'हंसी के फव्वारे' नामक शो में 'सूद' नामक किरदार से उन्होंने श्रोताओं का दिल जीता। शो इतना लोकप्रिय हुआ कि वह दिल्ली से चलकर देशभर में प्रसारित होने लगा। यही वो मोड़ था जहां से उनकी किस्मत ने करवट ली। फिर टीवी की ओर वापसी हुई और उन्हें छोटे किरदारों के बाद 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' में 'गुत्थी' का रोल मिला और यह रोल उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बन गया। गुत्थी के बाद उन्होंने डॉ. मशहूर गुलाटी, रिंकू भाभी जैसे कई किरदार निभाए, जिन्हें आज भी लोग याद करते हैं। हालांकि, कपिल शर्मा के साथ विवाद के बाद उन्होंने शो छोड़ दिया, लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ा।
फिल्मों में भी बनाई पहचान
फिल्मों में भी सुनील ने कई तरह की भूमिकाएं निभाईं, जिनमें 'गब्बर इज बैक', 'बागी', 'भारत' और 'जवान' जैसी सफल फिल्में शामिल हैं। उन्होंने वेब सीरीज में भी अपनी किस्मत आजमायी, 'तांडव' और 'सनफ्लावर' जैसी सीरीज में काम किया। शुरुआत में सुनील ग्रोवर को बेशक बार-बार रिजेक्शन, आर्थिक तंगी और असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत, जज़्बा और टैलेंट ने उन्हें इंडस्ट्री में एक मजबूत पहचान दिलाई।
आईएएनएस Bollywood Awards | bollywood actress | Bollywood | bollywood news | bollywood updates | latest Bollywood news