नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: गीत, पटकथा, निर्देशन और अभिनय जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना चुके वरुण ग्रोवर और स्वानंद किरकिरे न सिर्फ बेहतरीन कलाकार हैं, बल्कि एक-दूसरे के लिए प्रेरणा भी हैं। दोनों कलाकारों की दोस्ती और पेशेवर साझेदारी एक बार फिर लघु फिल्म ‘किस’ के माध्यम से सामने आई है। इस फिल्म का निर्देशन वरुण ग्रोवर ने किया है, जबकि किरकिरे ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। स्वानंद किरकिरे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, “हमारे बीच दोस्ती के साथ-साथ रचनात्मक सहयोग भी रहा है। ‘मसान’ में मैंने उनके लिखे गीत को गाया था। जब आप किसी की प्रतिभा को करीब से जानते हैं, तो समझ आता है कि रचनात्मकता कभी एक दिशा में सीमित नहीं होती। उन्होंने वरुण ग्रोवर की बहुआयामी प्रतिभा की तुलना एक बहते झरने से की, जो कभी गीतकार, कभी हास्य कलाकार, कवि, पटकथा लेखक और अब निर्देशक के रूप में अपनी राह बनाता है।
गैंग्स ऑफ वासेपुर से ‘किस’ तक का सफर
किरकिरे ने याद किया कि संगीतकार स्नेहा खानवलकर ने पहली बार उन्हें ग्रोवर से मिलवाया था। जब उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के गाने सुने, तो ग्रोवर की "दमदार और बेदाग" लेखनी ने उन्हें तुरंत प्रभावित किया। उसी दौरान दोनों की दोस्ती की नींव पड़ी। वरुण ग्रोवर ने भी किरकिरे की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा, “स्वानंद उन पहले लोगों में थे, जिन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के गीतों को लेकर मुझे सराहा। वह संदेश मेरे लिए किसी पुरस्कार से कम नहीं था। ग्रोवर ने आगे कहा कि किरकिरे का "निश्छल मन" और नई प्रतिभाओं के लिए सम्मान उन्हें भावुक कर देता है।
‘किस’ में सेंसरशिप और सच्चाई की टकराहट
लघु फिल्म ‘किस’, जिसमें आदर्श गौरव, स्वानंद किरकिरे और शुभ्रज्योति बरात ने अभिनय किया है, एक युवा फिल्म निर्माता की कहानी है जो अपनी फिल्म में एक चुंबन दृश्य के कारण सेंसर बोर्ड के निशाने पर आ जाता है। फिल्म में किरकिरे ने सेंसर बोर्ड के सदस्य सलिल आबिद की भूमिका निभाई है। ग्रोवर ने बताया कि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान इस प्रोजेक्ट को लेकर किरकिरे से संपर्क किया, और वह तुरंत इसके लिए तैयार हो गए। “मैं हमेशा निर्देशक बनना चाहता था, और ‘किस’ से मेरी उस यात्रा को दिशा मिली,” ग्रोवर ने कहा। यह फिल्म अब MUBI इंडिया पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है और आलोचकों से सराहना पा रही है।