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आनंदेश्वर मंदिर: फूलों की होली के साथ भगवान की झांकी रही आकर्षण का केंद्र

रंग-बिरंगे अबीर, रंग गुलाल के साथ होली का त्यौहार बडे़ ही धूमधाम से आयोजित हुआ। जहां कनपुरियों ने होली की परेवा में कानपुर के काशी कहे जाने वाले बाबा आनंदेश्वर में पूजा-अर्चना करके अबीर व गुलाल उड़ाते हुए त्यौहार को मनाया।

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Mukesh Pandit
Hanuman dance

Photograph: (young Bharat)

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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।

रंग-बिरंगे अबीर, रंग गुलाल के साथ होली का त्यौहार बडे़ ही धूमधाम से आयोजित हुआ। जहां कनपुरियों ने होली की परेवा में कानपुर के काशी कहे जाने वाले बाबा आनंदेश्वर में पूजा-अर्चना करके अबीर व गुलाल उड़ाते हुए त्यौहार को मनाया। वहीं मन्दिर परिसर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बाबा श्री आनन्देश्वर की सजीव झांकी व फूलों से अभिषेक कर निराली होली खेली गई। सुबह से ही हजारों की संख्या में पहुंचे भक्त।

नाच-गाकर मनाया त्योहार

आपको बता दें कि बाबा श्री आनन्देश्वर बाबा के साथ होली खेलने की परम्परा को कायम रखने वाली संस्था बाबा श्री आनन्देश्वर मित्र मंडली ने गला से लेकर दोपहर तक मंदिर परिसर में जमकर होली खेली। वहीं हजारों की संख्या में पहुंचे भक्तों ने भी भक्ति गीतों पर नाचकर होली के त्योहार को मनाया। फूलों की होली के साथ ही अबीर व गुलाल के रंगों से पूरे शिवालय में सतरंगी छटा बिखर गयी। बाबा के साथ होली खेलने की अद्‌भुद छटा देखते ही बन रही थी। 

हनुमान जी,राधा कृष्ण की झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र

भक्तों ने मंदिर परिसर में ही एक दूसरे के साथ जमकर होली खेली,,,वहीं गणेश ,भोले शंकर, हनुमान जी,राधा कृष्ण की झांकियां भी विशेष आकर्षण माँ केंद्र रही। जहां पर बृज की तर्ज पर होली खेली मनाई गई।

Mahant bites
अरूण भारती, आनंदेश्वर मन्दिर महन्त

कानपुर में खेली जाती है 7 दिन होली 

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इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक अभय मिश्रा ने बताया कि यह कार्यक्रम कई वर्षों से आयोजित होता आया है। मंदिर प्रशासन व पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग रहता है। उन्होंने बताया कि कानपुर में 7 दिन होली खेली जाती है, कनपुरिए बाबा के मंदिर परिसर में होली खेल इस त्यौहार की शुरुआत करते हैं। आनंदेश्वर मन्दिर के महंत अरुण भारती ने कहा कि मंदिर में पावन होली का त्योहार पारंपरिक तरीके से मनाया गया। होली का उत्सव प्रेम, भाईचारे और सौहार्द का प्रतीत है। इस उत्सव पर मन के सभी मैल मिट जाते हैं।

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