नई दिल्ली, वाईवीएन नेटवर्क।
टाइम मैगजीन की इस वर्ष की ‘वुमन ऑफ द ईयर’ सूची में एक भारतीय जीवविज्ञानी एवं वन्यजीव संरक्षणकर्ता का नाम भी शामिल है। ‘टाइम्स वुमन ऑफ द ईयर’ 2025 सूची में शामिल 45 वर्षीय पूर्णिमा देवी बर्मन एकमात्र भारतीय महिला हैं। अभिनेत्री निकोल किडमैन और फ्रांस की गिसेल पेलिकॉट का नाम भी 13 महिलाओं की इस सूची में शामिल हैं। यह सूची गुरुवार को देर रात जारी की गई।
धेनुक की बचाने में बड़ी योगदान
प्रोफाइल में उनके हवाले से कहा गया कि पहली बार उन्हें ‘प्रकृति की पुकार का महत्व महसूस हुआ। उस दिन से उनका मिशन शुरू हुआ।’ प्रोफाइल में उल्लेख किया गया कि उस समय, असम में लगभग 450 बड़े धेनुक बचे थे। बर्मन की प्रोफाइल में लिखा है कि उन्हें 2007 का वह दिन आज भी याद है जब असम में रहते वक्त उन्हें एक फोन आया और उन्हें बताया गया कि एक पेड़ काटा जा रहा है, जो ‘ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क’ (धेनुक, एक प्रकार का पक्षी) के परिवार का घर था। प्रोफाइल के मुताबिक, “वर्ष 2023 में बर्मन के काम की बदौलत, धेनुक को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के वर्गीकरण के तहत लुप्तप्राय स्थिति से हटाकर ‘निकट संकटग्रस्त’ श्रेणी में लाया गया।” प्रोफाइल में बताया गया, “असम में धेनुक की आबादी 1,800 से ज्यादा हो गई है।”
धेनुक की चहचहाहट ने जीता दिल
प्रोफाइल के मुताबिक, इस किस्से के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। उन्होंने वहां पहुंचकर मौके पर पूछा कि पेड़ क्यों काटा जा रहा है? बर्मन ने कहा, “सभी (धेनुक) ने मुझे घेर लिया और चहचहाना शुरू कर दिया।” टाइम प्रोफाइल में बताया, “लेकिन उस समय उनके जहन में अपनी नवजात जुड़वां बेटियों का ख्याल आ रहा था क्योंकि धेनुक की तरह, वे भी बहुत छोटी थीं। बर्मन को पक्षियों को बचाने के लिए मजबूर होना पड़ा...।’ बर्मन को 2017 में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से भारतीय महिलाओं के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 'नारी शक्ति पुरस्कार' मिला था. उन्हें उसी साल व्हिटली पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. इस पुरस्कार को ग्रीन ऑस्कर के नाम से जाना जाता है. इस पुरस्कार को ब्रिटेन की राजकुमारी ऐनी द्वारा प्रस्तुत किया गया था.
फ्रांस की गिसेल का भी नाम
गिसेल के पति ने उन्हें लंबे समय तक मादक पदार्थ दिया और 70 से अधिक अलग-अलग पुरुषों ने उनसे दुष्कर्म किया था। गिसेल ने यौन हिंसा के खिलाफ अभियान चलाया और विश्व में अपनी पहचान स्थापित की।