भारत टॉप 10 वो महिलाएं जो अपने बुलंद हौसले, जोश, जज्बे के अलावा टैलेंट से दुनियाभर में कीर्तिमान गढ़ रही हैं। अंशुला कांत वर्ल्ड बैंक की पहली महिला एमडी हैं। मोहना सिंह, तेजस उड़ाने वाली देश की पहली महिला पायलट हैं। कभी दिहाड़ी मजदूरी से गुजारा करने वालीं यशोदा लोधी आज यूट्यूब से हर महीने 80 से 90 हजार रुपए कमा रही हैं। आइए इन महिलाओं के बारे में जानते हैं।
अंशुला कांत को 2024 में फोर्ब्स इंडिया ने सेल्फमेड महिलाओं की पावर लिस्ट में शामिल किया। अंशुला 2030 तक गरीबी हटाने पर काम कर रही हैं। 1983 में अंशुला ने SBI में बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर करियर शुरू किया। यहां उन्होंने 36 साल काम किया और मैनेजिंग डायरेक्टर बनीं। 2019 में वे वर्ल्ड बैंक की पहली महिला एमडी, सीएफओ बनीं।
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2. ऑस्ट्रेलिया में फुटबॉल खेलने वाली पहली भारतीय ई. पंथोई चानू
E PANTHOI CHANU Photograph: (x)
मणिपुर की ई. पंथोई चानू का परिवार नहीं चाहता था कि वे फुटबॉल खेलें। 10 साल की उम्र में एकेडमी से जुड़ीं। 2014 में नेशनल टीम में जगह बनाई। 2021 में उन्हें गंभीर चोट लगी। फिर उन्होंने वापसी की और ऑस्ट्रेलिया में प्रोफेशनल फुटबॉल खेलने वाली पहली इंडियन प्लेयर बनीं।
इंडियन एयरफोर्स में फाइटर जेट उड़ाने वाली 20 महिला पायलट में से एक हैं मोहना। इनके परिवार में दादा-नाना समेत कई लोग डिफेंस में रहे हैं। स्कूल में नीली यूनिफॉर्म में अफसर आते थे। वो मोहना को बड़े स्मार्ट लगते थे, इसलिए उन्होंने एयरफोर्स जॉइन करने का फैसला किया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की। वे मिग-21 भी उड़ा चुकी हैं। तेजस उड़ाने वाली भी वे देश की पहली महिला पायलट हैं। जोधपुर में हुए तरंग शक्ति एक्सरसाइज में भी शामिल रही हैं।
निगार शाजी 1987 में ISRO के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर से जुड़ीं। वे पिछले 38 सालों से ISRO में हैं। शुक्र मिशन की स्टडी डायरेक्टर भी रह चुकी हैं। आदित्य एल-1 मिशन पर निगार और उनकी टीम ने 8 सालों तक काम किया।आदित्य एल-1 ISRO का सूर्य की स्टडी करने वाला पहला मिशन है। निगार इन दिनों ISRO के कई सैटेलाइट प्रोग्राम और अलग-अलग ग्रहों से जुड़े मिशन पर काम कर रही हैं।
स्नेहा रेवनूर दावोस 2024 वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पार्टिसिपेट करने वाली सबसे कम उम्र की सदस्य है। स्नेहा का एनकोड जस्टिस ऑर्गनाइजेशन एआई के गलत इस्तेमाल को लेकर लोगों को जागरूक कर रहा है। टाइम मैगजीन ने स्नेहा को 2023 में एआई में काम कर रही दुनिया की टॉप-100 महिलाओं में शामिल किया था। 2020 में बना ये ऑर्गनाइजेशन कई देशों में काम कर रहा है। 30 देशों के 800 लोग इस ऑर्गनाइजेशन से जुड़े हैं।
डायना पुंडोले ने रेसिंग में नेशनल चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। डायना चेन्नई की एमआरएफ इंडियन नेशनल कार रेसिंग चैंपियनशिप जीतने वाली एक मात्र भारतीय महिला हैं। वे फॉर्मूला-वन, दुबई ऑटोड्रोम समेत यूरोप और यूएई के फेमस रेसिंग ट्रैक्स पर भी रेसिंग कार दौड़ा चुकी हैंं। डायना कार रेसर के अलावा टीचर और दो बच्चों की मां भी हैं।
यशोदा लोधी के परिवार की आर्थिक तंगी थी। पति दिहाड़ी मजदूर थे। 2019 में एक हादसे के बाद वो काम करने लायक नहीं रहे। घर चलाने के लिए 2021 में यशोदा ने एक देहाती मैडम के नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया। चैनल में यशोदा बच्चों को इंग्लिश पढ़ाती हैं। उनके चैनल पर करीब 4 लाख सब्सक्राइबर हैं और 3 करोड़ बार उनके वीडियोज देखे जा चुके हैं। आज वे हर महीने 80 हजार से 90 हजार रुपए कमा लेती हैं।
पायल FTTI पुणे की स्टूडेंट रही हैं। 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में इनकी शॉर्ट फिल्म ऑल वी इमैजिन एज लाइट ने ग्रैंड प्रिक्स अवॉर्ड जीता था। पायल ये अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय हैं। वे पहली भारतीय महिला डायरेक्टर हैं, जिनकी फिल्म को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया है।
एक्ट्रेस सैयामी खेर ने दुनिया के सबसे कठिन इवेंट में से एक आयरन मैन 70.3 ट्रायथलॉन पूरी कर सभी को चौंका चुकी हैं। सितंबर 2024 में जर्मनी में उन्होंने आयरन मैन इवेंट में 1.9 किमी स्विमिंग, 90 किमी और 13.1 किमी की रनिंग की। वे महाराष्ट्र की महिला क्रिकेट टीम में बतौर तेज गेंदबाज खेल चुकीं हैं। सैयामी ने 2015 में तेलुगु फिल्म रे से एक्टिंग की शुरुआत की थी। 2016 में फिल्म मिर्जया में हर्षवर्धन कपूर के साथ हिंदी फिल्मों में कदम रखा। स्टारडस्ट मैगजीन ने उन्हें ‘सुपर स्टार ऑफ टुमारो’ का अवॉर्ड दिया था। इस साल सनी देओल के साथ सैयामी एक्शन ड्रामा फिल्म जाट आने वाली है।
मंगला बाई मरावी के ट्राइबल टैटू की ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एग्जीबिशन लगा चुकी हैं। मंगला बाई ने लगभग 7 साल की उम्र में ही गोदना टैटू बनाना सीख लिया था। 12 साल की उम्र में मां के साथ भोपाल के ट्राइबल म्यूजियम गईं थीं। वहां उन्हें ट्राइबल आर्टिस्ट की पेंटिंग काफी ज्यादा पसंद आईं और ट्राइबल आर्ट से जुड़ गईं। वे टैटू बनाने में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं करती हैं।
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