फरीदाबाद। वाईएनबीएन संवाददाता। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद जहां सेंसेक्स काफी नीचे जा रहा था, वहीं सीजफायर की घोषणा के बाद जब 12 मई को बाजार खुला तो सेंसेक्स ने कारोबार बंद होते होते 2975 अंक (3.74 फीसद) चढक़र 82,430 के स्तर पर बंद हुआ। देखें तो यह तेजी साल की सबसे बड़ी तेजी है। इससे पहले सेंसेक्स 15 अप्रैल को 1,577 अंक चढ़ा था। वैसे तो देशभर में निवेशक इस तेजी के बाद काफी खुश नजर आ रहे हैं लेकिन फरीदाबाद में कुछ निवेशक खुश हैं तो कुछ चिंता में भी है।
वाइबीएन संवाददाता ने जब कुछ पेशेवर शेयर ब्रोकर्स से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि भारतीय बाजार में सेंसेक्स एक लाख को छूने की कोशिश करेगा। नीलम रेलवे रोड स्थित जैन एसोसिएट्स के संचालक एसके जैन ने बताया कि यह प्रिडेक्शन काफी समय से चली आ रही है लेकिन जब देश में युद्ध जैसे हालात हो तो बाजार का गिरना स्वाभाविक हो जाता है। अब जब सीजफायर की घोषणा हुई है तो सेंसेक्स ने अच्छी छलांग लगाई है।
हालांकि जब सामान्य निवेशक नवीन पाराशर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि भारत की तरह ही पाकिस्तान के शेयर बाजार में भी अप्रत्याशित तेजी दिखाई दी है, जो कि असामान्य बात है। इसीलिए अभी और अधिक निवेश करते समय फिक्र हो रही है।
वैसे शेयर बाजार में 12 मई 2025 को तेजी के पांच कारण बताएं जा रहे हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर सीजफायर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन कम हुई है। इस मामले से जुड़े सभी डेवलपमेंट्स पर निवेशकों की नजर रहेगी। दूसरी तरफ रिटेल महंगाई के अप्रैल महीने के आंकड़े 13 मई को जारी किए जाएंगे। अप्रैल में महंगाई कम होकर 3 फीसद से नीचे आने की संभावना है।
बता दें, भारत के साथ सीजफायर की घोषणा के बाद 12 मई को पाकिस्तान के शेयर बाजार का केएसई-100 इंडेक्स 9 फीसद चढ़ गया। बाजार में आई इस तेजी के बाद ट्रेडिंग एक घंटे रोकनी पड़ी थी, जबकि इससे पहले पहलगाम हमले के जवाब में भारत की ओर से की गई एयरस्ट्राइक के बाद 7 और 8 मई के दो दिन में इसमें 10,000 अंक (करीब 11 फीसद) से ज्यादा की गिरावट आई थी। कुल मिलाकर पाकिस्तानी शेयर बाजार अभी पुराने स्तर पर नहीं पहुंचा पाया है।
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