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ट्रांस हिंडन बाईबीएन संवाददाता
आवास विकास परिषद की वसुंधरा योजना गाजियाबाद की अनेक संपत्तियों पर भूमाफियाओं ने वर्षों से कब्जा किया हुआ था। लेकिन अफसरों ने शासन के आदेश पर भूमाफियाओं पर सख्ती की और वसुंधरा तथा सिद्धार्थ विहार में 1800 करोड़ कीमत की 14.50 हेक्टेयर जमीन उनके कब्जे से मुक्त करा ली। अभी परिषद अवैध निर्माण करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
आवास विकास परिषद लखनऊ ने आवास विकास वसुंधरा योजना के तहत वसुंधरा कालोनी और सिद्धार्थ विहार के डेवलेपमेंट की जिम्मेदारी शासन से आवास विकास परिषद को मिली हुई है। यहां नक्शा स्वीकृत करने से लेकर तमाम कम परिषद ही देखती है लेकिन रखरखाव और अन्य मामले गाजियाबाद नगर निगम के जिम्मे हैं। अगर किसी व्यक्ति को अपने प्लॉट का नक्शा पास कराना है तो वह अपनी फाइल आवास विकास परिषद के कार्यालय जाकर वहीं तमाम औपचारिकता पूरी करेगा तभी परिषद के अफसर अवलोकन के बाद नक्शा को मंजूरी देंगे। अगर कोई नक्शा पास होने के बाद हेरफेर करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लेने की जिम्मेदारी भी परिषद की है।
अवैध निर्माण जोरों पर, कारवाई के नाम पर FIR
वसुंधरा में सेक्टर कोई हो या फिर कोई भी सोसायटी सब तरफ अवैध निर्माण। किसी ने रैंप तो किसी ने छज्जा और किसी ने 3 की जगह 4 मंजिल या फिर ग्राउंड फ्लोर पर बिना नक्शा स्वीकृत कराए ही दुकानें बनवा लीं। सब पर मौन स्वीकृति आवास विकास परिषद के अफसरों की। लेकिन जब शासन से दबाव आता है तो अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस देने के बाद ध्वस्त करने का नोटिस जारी किया जाता है और इसके बाद सम्बंधित थाने में अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाता है।
ये है अवैध निर्माण का छोटा सा उदाहरण
अब आप एक छोटा सा उदाहरण देख लिजिए। परिषद ने वर्ष 2018 में 13 सितंबर को वसुंधरा सेक्टर 3 में प्लॉट नंबर 569 का मानचित्र स्वीकृत किया। यह स्वीकृति 400.30 वर्ग मीटर निर्माण क्षेत्रफल के लिए 161 मीटर के प्लॉट पर दी गई थी। बिल्डर नाम जोगेंद्र यादव हैं, जबकि ऑनर नाम कश कुमार बंसल दर्शाए गए हैं। स्वीकृति मिली अपर ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर की। पार्किंग व टैरेस आदि अलग से।
ऐसी उड़ाई जाती हैं नियमों की धज्जियां
बिल्डर ने मानचित्र के विपरीत थर्ड फ्लोर बनाकर कंप्लीट कर दिया। इसके अलावा अपर ग्राउंड फ्लोर पर फ्रंट पर दो शॉप भी बना डालीं। कोई आसपास का व्यक्ति ज्यादा हो हल्ला ने मचाए इसीलिए फिलहाल दोनों शॉप के बाहर ग्रीन पर्दा डालकर कवर कर दिया गया है।
पॉलिटिकल प्रेशर का रोना रोते हैं विभागीय अफसर
सारा मसला सेटिंग से हल होता रहता है, लेकिन जब भी अवैध निर्माण की बात करो तो अधिकारी अवैध निर्माण के पीछे दबी जुबान से पॉलिटिकल प्रेशर होने का रोना रोते रहते हैं।
पिछले छह माह में आवास विकास परिषद ने ये लिया एक्शन
=1800 करोड़ कीमत की 14.50 हेक्टेयर जमीन उनके कब्जे से मुक्त करा ली
=आवास विकास परिषद ने 132 अवैध निर्माण को किया ध्वस्त
=33 सीलिंग की कार्रवाई की गई, 32 विद्युत कनेक्शन कटवाए
ये बोले वसुंधरा योजना के अधीक्षण अभियंता
आवास विकास परिषद वसुंधरा योजना के अधीक्षण अभियंता अजय कुमार मित्तल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर पुलिस व्यस्त रहती है। इसके बाद भी समय समय पर अवैध निर्माण करने वालों पर FIR दर्ज कराई जाती है। अवैध निर्माणों को ध्वस्त कराया जाता है। 1800 करोड़ कीमत की 14.50 हेक्टेयर जमीन उनके कब्जे से मुक्त करा ली है। अभियान जारी रहेगा।