गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
आयुष्मान कार्ड धारक गोल्डन कार्ड होने के बावजूद इलाज के लिए दरोगा भटक रहे हैं जिले में सरकारी और प्राइवेट के 104 अस्पताल योजना में शामिल होने के बावजूद गोल्डन कार्ड धारकों को इलाज नहीं मिल पा रहा है मरीजों को यह जानकारी नहीं मिल पाती की अस्पताल संचालक ने किस बीमारी के इलाज के लिए आयुष्मान योजना में सहमति दी है।
100 से अधिक अस्पताल
योजना से जुड़े अलग-अलग अस्पतालों ने अलग-अलग बीमारी के इलाज की सहमति दी है योजना के तहत जनपद में कुल 104 अस्पताल पैनल में शामिल है इसमें 83 प्राइवेट और 21 सरकारी अस्पताल हालांकि कार्ड धारकों इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
प्राइवेट अस्पताल प्राथमिकता
पिछले वर्ष 75869 कार्ड धारकों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराया इसमें से 68315 में प्राइवेट अस्पतालों का चयन किया 7564 मरीज ने सरकारी अस्पतालों में उपचार कराया जिले में कुल 774998 आयुष्मान कार्ड धारक है इनमें इनमें से अब तक 6 लाख 258 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं शेष के 174740 पत्रों का कोई कार्ड नहीं बन पा रहा है वही 70 वर्ष से अधिक आयु वाले 240456 वरिष्ठ नागरिकों के कार्ड बनवाए जा चुके हैं।
करना पड़ा भुगतान
भूड़ भारत नगर निवासी अमित ने बताया कि उनके पिता की तबीयत खराब होने पर मरियम नगर स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए थे आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पताल में 35,000 का भुगतान कर लिया आयुष्मान के पैनल में हृदय संबंधित इलाज नही है। मजबूरी में उन्हें भुगतान करना पड़ा।
पीएम की महत्वाकांक्षी योजना
आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी 30 अप्रैल को आयुष्मान भारत दिवस के रूप में मनाया जाता है केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है