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मृतक महिला पुलिसकर्मी
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
नेशनल हाईवे-9 पर लाल कुआं क्षेत्र में ओम साईं फार्म हाउस के सामने स्कूटी पर जा रही महिला कांस्टेबल एक ट्रक की चपेट में आ गई। हादसा इतना भीषण था कि महिला कांस्टेबल ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना से पूरे पुलिस विभाग में शोक की लहर है।
दर्दनाक मौत
मृतक महिला कांस्टेबल की पहचान अनुराधा के रूप में हुई है। वह मूल रूप से मुजफ्फरनगर की निवासी थीं और फिलहाल गाजियाबाद में तैनात थीं। हादसा उस समय हुआ जब वह गोविंदपुरम से थाना दादरी की ओर जा रही थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक ने अचानक स्कूटी को टक्कर मारी, जिससे अनुराधा सड़क पर गिर गईं और ट्रक का पहिया उनके ऊपर से गुजर गया।हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है, लेकिन हादसे के बाद चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
विभाग में मचा हड़कंप
महिला कांस्टेबल अनुराधा की मौत की खबर सुनकर पुलिस विभाग के साथ-साथ परिजनों में भी कोहराम मच गया। मुजफ्फरनगर स्थित पैतृक गांव में शोक की लहर है। विभागीय अधिकारियों ने मृतक कांस्टेबल के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब गाजियाबाद में महिला पुलिस कर्मी सड़क हादसे का शिकार हुई हों। इससे पहले 18 अगस्त को थाना कवि नगर क्षेत्र के शास्त्री नगर इलाके में महिला उपनिरीक्षक (SI) रिचा सचान की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं ने सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बदत्तर यातायात व्यवस्था
गाजियाबाद जैसे व्यस्त महानगर में तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग आए दिन हादसों को जन्म दे रही है। खासतौर पर हाईवे पर भारी वाहनों की गति नियंत्रण से बाहर होने के कारण छोटी गाड़ियों और दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा और बढ़ जाता है। पुलिस विभाग ने चालक की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि ट्रैफिक नियमों का पालन और सख्त निगरानी कितनी जरूरी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए हाईवे पर अतिरिक्त गश्त और निगरानी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
अनियंत्रित भारी वाहन
महिला कांस्टेबल अनुराधा का यूं अचानक चले जाना न केवल उनके परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि पुलिस महकमे के लिए भी बड़ी क्षति है। जिस जज्बे और समर्पण से वह अपनी ड्यूटी निभा रही थीं, वह सभी के लिए प्रेरणा थी। अब पूरा विभाग उनके योगदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।यह दुखद हादसा फिर से यह याद दिलाता है कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना, भारी वाहनों की गति पर नियंत्रण रखना और प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई करना समय की मांग है। तभी भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सकेगा।