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जीडीए बुलडोजर कार्यवाही
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
अनाधिकृत कालोनियों पर जीडीए की बढती बुलडोजर कार्रवाई के बीच कालोनाइजरों के द्वारा विरोध का नया रास्ता निकाल लिया है। अब अनाधिकृत कालोनियों में भूखंड खरीदने वाले परिवार की महिलाओं को आगे किया जाने लगा है। मुरादनगर के असालत नगर के लोगों ने उस वक्त राहत ली,जब जीडीए का बुलडोजर पहुंचा ही नहीं।
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चल रहा है औचक निरीक्षण
वहीं जानकारों का कहना है कि जिस तरीके से जीडीए के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा जीडीए के प्रवर्तन जोन के एरिया में औचक निरीक्षण किया जा रहा है,यदि प्रवर्तन जोन आठ के अंतर्गत आने वाले एरिया में अधिकारी औचक निरीक्षण करते है तो निश्चित तौर से ये खुलासा होना तय है कि सबसे अधिक अनाधिकृत कालोनियां न केवल दिल्ली सीमा से लगे लोनी एरिया में काटी जा रही है,बल्कि सबसे अधिक अवैध निर्माण की भरमार भी इसी एरिया में देखी जा सकती है,चूकि इस एरिया में दूर तक भी जीडीए से नक्शे मंजूर नहीं होते है।
कार्यवाही जारी
देखा जाए तो जीडीए के प्रवर्तन विभाग के द्वारा मुरादनगर के असालत नगर में तोडफोड का कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया था। इसके लिए मुरादनगर थाने के माध्यम से अतिरिक्त पीएसी की भी व्यवस्था की गई थीं। जीडीए की कार्रवाई की भनक लगने पर कालोनाइजरों के द्वारा मौके पर तंबू खडा करते हुए बडी संख्या में महिलाओं को एकत्र किया गया था,ताकि कारवाई के दौरान महिलाओं को आगे किया जा सकें।
अनाधिकृत कॉलोनिया
बाकायदा विरोध के लिए एकजुट किए गए लोगों के भोजन की भी व्यवस्था की गई थीं। लेकिन जीडीए की टीम नहीं पहुंच सकी। जबकि इससे एक दिन पहले बसंतपुर सेंथली में कार्रवाई के दौरान जीडीए टीम को भारी विरोध का सामना करना पडा। वहीं लोनी के बेहटा हाजी पुर के महेंद्र सिंह ने कहा कि अनाधिकृत कालोनियों पर एक्शन के नाम पर जीडीए के प्रवर्तन विभाग के द्वारा अनाधिकृत कालोनियों को बढावा दिया जा रहा है। एरिया में 60 से 70 बीघा एरिया में अनाधिकृत कालोनी काटे जाने का खेल देखा जा सकता है। ये स्थिति लोनी के दूसरे एरिया में भी देखी जा सकती है। ये खेल जीडीए के प्रवर्तन स्टाफ की मिली भगत से हो रहा है।