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काल्पनिक चित्र
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद में संचालित 83 नशा मुक्ति केंद्र अब स्वास्थ्य विभाग के निशाने पर हैं। इन केंद्रों ने अभी तक अपने पंजीकरण का वार्षिक नवीनीकरण नहीं कराया है, जो नियमों के अनुसार हर वर्ष मार्च में अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक नियमों की अवहेलना है, बल्कि इससे इन केंद्रों में भर्ती मरीजों की सुरक्षा और देखभाल पर भी सवाल उठते हैं।
आक्रमक रवैया
स्वास्थ्य विभाग ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अब सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय की ओर से एक विशेष टीम का गठन किया जा रहा है, जो इन नशा मुक्ति केंद्रों की जांच करेगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। यह कार्रवाई लाइसेंस नवीनीकरण न कराने, स्वास्थ्य मानकों का पालन न करने और केंद्रों की कार्यप्रणाली में अनियमितता के आधार पर की जाएगी।
गहन निरीक्षण
सूत्रों के अनुसार, कई केंद्रों में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है और प्रशिक्षित कर्मचारियों की भी कमी पाई गई है। इससे मरीजों के उपचार की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। अब स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में इन केंद्रों को न केवल अपने दस्तावेज अपडेट करने होंगे, बल्कि मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन भी सुनिश्चित करना होगा।
प्रभावी कदम
इस कदम का उद्देश्य नशा मुक्ति केंद्रों को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और प्रभावी बनाना है, ताकि नशे की चपेट में आए लोगों को उचित इलाज और सहारा मिल सके। आने वाले दिनों में विभाग की यह कार्रवाई गाजियाबाद में नशा मुक्ति सेवाओं को बेहतर दिशा दे सकती है।